टिहरी में 25 गांव आपदा की जद में

नई टिहरी। जिले में आपदा का कहर दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। 25 नए गांव आपदा की जद में आ गए हैं। विस्थापित होने वाले गांवों की संख्या 32 से बढ़कर 57 हो गई है। अतिवृष्टि, नदी के कटाव से डेढ़ माह के अंतराल में प्रतिदिन नए-नए गांव खतरे की जद में आ रहे हैं। गांवों पर मंडरा रहे भूस्खलन के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने आपदा से प्रभावित हुए 25 गांवों को कही अन्यत्र विस्थापित करने के लिए प्रस्तावित किया है। प्रभावित गांवों की सबसे अधिक संख्या भिलंगना ब्लॉक में है। जिला प्रशासन ने जल्द ही प्रभावित गांवों में भू-सर्वेक्षण शुरू करने का निर्णय लिया है।
16 एवं 17 जून की आपदा धीरे-धीरे टिहरी जिले में विकराल रूप लेती जा रही है। 25 गांव इस बार आपदा की चपेट में आए हैं। भूस्खलन की समस्या इन गांवों में बढ़ते जा रही है। आपदा ने न केवल लोगों का आशियाना छीना है, बल्कि गांव तक को रहने लायक नहीं छोड़ा है। पूर्व में आपदा प्रभावित गांवों की संख्या 32 थी। इस बार की आपदा में अभी तक 25 नए गांव विस्थापन के लिए प्रस्तावित किए गए हैं। जौनपुर के परोड़ी गांव के 22 परिवारों ने अपने घर खाली कर दिए हैं। छानियों में लोग शिफ्ट हो गए हैं। भिलंगना के पिंसवाड गांव में भी कमोवेश यही स्थिति बनी है। भूस्खलन के भय से पूरा गांव खाली हो गया है। तिरपाल लगाकर गांव के लोगों ने जंगल में डेरा जमाया है।

विस्थापन के लिए प्रस्तावित गांव
कस्तल, सेम्या, कंडोली, चामी, सैंण, चौंदाणा, बहेड़ा, बडियार मध्ये मथकुड, थाती, बूढाकेदार, भल्डगांव, चुरेडना, बंजिगा, रानीडांग, देवलंग स्यूरी, संराशगांव, लासी, ननुवा मध्ये जंद्रवाडा तोक, कुंडीए, कठूड़, घोंटी मध्ये पंयाखोली, चवासेरा, मरोड़ा, पापरा, परोड़ी।

सभी तहसीलों से विस्थापन होने वाले गांवों की रिपोर्ट मंगाई गई थी। रिपोर्ट मिल चुकी है। इस बार 25 गांव आपदा की जद में आए हैं। जो भूस्खलन या नदी-नालों की समस्या से क्षतिग्रस्त हैं। इन सभी गांवों को सर्वे कराने के बाद विस्थापन करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। – प्रवेश चंद्र डंडरियाल, एडीएम टिहरी

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