टांडा में शिशु की मौत पर हंगामा

कांगड़ा। डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में बीती रात एक बच्चे की मौत को लेेकर खूब हंगामा हुआ। परिजनों ने प्रशासन और स्टाफ के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। परिजनों का आरोप था कि स्टाफ की लापरवाही के कारण बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ। आरोप है कि समय रहते महिला का इलाज शुरू कर दिया जाता तो महिला की हालत गंभीर न होती।
महिला के पति शाहपुर निवासी अश्वनी कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी मोनिका को सोमवार शाम हल्की दर्दें होने के बाद टांडा लाया गया। जब महिला को प्रसूति विभाग में ले जाया गया तो वहां तैनात स्टाफ ने पहले उसके साथ बदतमीजी से बात की और बाहर निकल जाने को कहा। उन्होंने कहा कि महिला की सास नागनी देवी जब भीतर जाने लगीं तो उन्हें भी बाहर निकाल दिया। अश्वनी ने कहा कि प्रसूति विभाग के बाहर के कमरे में उसकी पत्नी को बिठाया गया और उसे तेज दर्द होने लगा। जब इसकी सूचना वहां तैनात स्टाफ को दी गई तो पहले रिपोर्ट लेकर आने को कहा। आरोप लगाया कि इतने में उसकी पत्नी के पेट से खून का तेज बहाव शुरू हो गया और वह गिर पड़ी। अश्वनी ने बताया कि उसके पश्चात उसकी पत्नी को अंदर ले गए और 15 मिनट के बाद उसके पास मरा हुआ बच्चा लाकर सौंप दिया गया। चिकित्सकों ने उसकी पत्नी की हालत 72 घंटों तक गंभीर बताई है। उधर, बच्चे की मौत की खबर के बाद परिजनों के अलावा गांव के प्रधान रविंद्र कुमार वहां पहुंचे। मामले से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के साथ साथ स्टाफ के विरुद्घ जोरदार नारेबाजी की।

जांच के आदेश जारी : एमएस
अस्पताल के एमएस डा. दिनेश सूद ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। तीन दिन के भीतर जांच की रिपोर्ट के आदेश दिए गए हैं। जांच में जो भी दोषी पाया गया, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं अस्पताल में एक अन्य बच्चे की मौत पर भी कुछ समय माहौल गरमाया। मंडी जिला के कुठार से आए प्रदीप कुमार ने भी आरोप लगाया कि वह अपनी बहू सुजाता को यहां लेकर आए थे। सुजाता को 22 अगस्त को बेटा पैदा हुआ था। बच्चे को सांस लेने की तकलीफ हो रही थी और जब वहां तैनात स्टाफ से पूछा गया तो कहा कि बच्चा ठीक है। बच्चे की अगले दिन सुबह मौत हो गई।

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