धर्मशाला
पिछले सोमवार को जिला कांगड़ा में आई भारी बारिश से हुई तबाही से पर्यटन कारोबार को बड़ा झटका लगा है। पिछले वीकेंड पर होटलों में 80 से 90 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी थी। अब मैक्लोडगंज व भागसूनाग में यह यह शून्य हो गई है। वीकेंड पर जिले के सभी निजी और निगम के होटलों में हुई एडवांस बुकिंग को पर्यटकों ने रद्द करवा दिया है। धर्मशाला के होटलों में ऑक्यूपेंसी पांच फीसदी है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि जिले में हुए भारी भू-स्खलन के कारण पर्यटन कारोबार को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, हिल्स क्वीन शिमला में पिछले तीन हफ्तों से वीकेंड के लिए शहर के होटलों में करीब 50 फीसदी तक कमरे एडवांस बुक हो जाते थे। इस हफ्ते मुश्किल से 20 फीसदी ही एडवांस बुकिंग हुई है। शिमला में 90 से 100 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी चल रही थी। पर्यटन नगरी मनाली के होटलों में ऑक्यूपेंसी 70 फीसदी से घटकर 30 प्रतिशत रह गई है।
पर्यटन स्थल डलहौजी में 125 होटलों में 50 फीसदी एडवांस बुकिंग चल रही है। वीकेंड पर सौ फीसदी आक्यूपेंसी होटलों में रहने की उम्मीद है। उधर, पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि बड़ी मुश्किल से कारोबार पटरी पर लौटने लगा था। बड़ी संख्या में सैलानी भी पर्यटन स्थलों पर पहुंचने लगे थे। उम्मीद थी कि अब पर्यटन कारोबार में उछाल आएगा, लेकिन सोशल मीडिया पर भागसूनाग सहित अन्य क्षेत्रों में हुए नुकसान व खड्डों-नालों में आई बाढ़ के वायरल हुए वीडियो ने एडवांस बुकिंग करवा कर बैठे पर्यटकों को डरा दिया है।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम कांगड़ा के एजीएम केडी वर्मा ने बताया कि इस वीकेंड पर निगम के होटलों में आक्यूपेंसी पांच फीसदी तक सिमट गई है। उन्होंने बताया कि पिछले वीकेंड पर यह ऑक्यूपेंसी 50 फीसदी से ऊपर थी। उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिले में भारी बारिश से हुई तबाही का पर्यटन पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इसके चलते सैलानियों ने बुकिंग रद्द करवाई है।
सोशल मीडिया ने खराब किया माहौल
वहीं होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बांबा ने कहा कि सोशल मीडिया पर जिस तरह से जिले में हुई तबाही को दिखाया जा रहा है, उसका प्रभाव होटल व्यवसाय पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि पर्यटक वीडियो को देखकर घबरा गए हैं और अपनी बुकिंग रद्द करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पर्यटकों ने अगले एक माह तक की सभी बुकिंग रद्द करवा दी हैं।