जिला में सरकारी सीमेंट की कमी

सोलन। सीमेंट की कीमतें बढ़ने से सिविल सप्लाई में स्टॉक खत्म हो चुका है। मनरेगा के तहत करोड़ों के सरकारी कार्य थम गए हैं। वहीं चालू वित्त वर्ष खत्म होने को मात्र दो माह का समय रह गया है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकारी सीमेंट का स्टाक मनरेगा के तहत नहीं मिला तो 50 फीसदी टारगेट भी पूरे नहीं हो सकेंगे। वहीं विभाग जल्द सीमेंट मुहैया करवाने का दावा कर रहा है। करीब एक माह से सरकारी कार्यों के लिए सीमेंट नहीं मिल पा रहा है। कार्यकारी परियोजना अधिकारी राजीव सूद ने बताया कि बढ़ी कीमतों के कारण सीमेंट नहीं मिल पा रहा था। करीब पचास फीसदी कार्यों में कमी आ चुकी है। एक सप्ताह के भीतर ग्रामीण क्षेत्रों में सीमेंट की सप्लाई मुहैया करवाई जाएगी।

पहले बजट नहीं और अब सीमेंट नहीं
मनरेगा में कार्य करने की आस लगाए ग्रामीणों को अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण चार माह से मनरेगा में कार्य करने के लिए तरस रहे हैं। चार अक्तूबर के बाद नए कार्यों में पूरी तरह से रोक लग गई, उसके बाद डीआरडीए में मनरेगा के तहत आने वाला बजट समाप्त हो गया, जब दोनों समस्याओं को समाधान हुआ तो अब एक ओर नई समस्या सामने आ गई है। जिला सोलन में सिविल सप्लाई की दुकानों पर सीमेंट स्टाक ही समाप्त हो चुका है।

80 से 100 ट्रक की डिमांड
सोलन जिला में एक माह में करीब 80 से 100 ट्रक सरकारी सीमेंट की खरीद की जाती है। एक ट्रक में करीब 180 सीमेंट के बैग आते हैं। मनरेगा के अलावा अन्य परियोजनाओं में सीमेंट की खपत की जाती है। एक बैग का सिविल सप्लाई में 240-245 रुपये सरकार को पड़ता है। वहीं बाजार में इसकी कीमत करीब 350 से 400 रुपये है। इसकी पुष्टि सिविल सप्लाई के एरिया मैनेजर आरएल गोयल ने की है।

इसलिए नहीं पहुंची सप्लाई
कंपनी में सीमेंट के दाम बढ़ चुके थे, लेकिन सरकार को दी जाने वाली सप्लाई में नहीं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक बढ़ती कीमतों को देखते हुए कंपनी ने डिमांड के मुताबिक सीमेंट देना बंद कर दिया। नतीजतन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगति पर चल रहे कई विकास कार्य थम गए हैं।

50 फीसदी की कमी दर्ज
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के अंत तक मनरेगा में केवल 10.96 करोड़ ही खर्च किए गए हैं। वित्त वर्ष 2011-12 में यह आंकड़ा इस समय तक 20 करोड़ तक था। वहीं वर्ष मनरेगा के तहत पूरे साल में 31.43 करोड़ के कार्य किए गए थे। जिसमें विकास खंड कंडाघाट में 7.79 करोड़ और विकास खंड सोलन में 7.67 करोड़ के कार्य किए गए थे। वहीं इस वर्ष में विकास खंड सोलन में 3.76 करोड़ के कार्य अभी तक किए जा चुके हैं और विकास खंड धर्मपुर में 1.99 करोड़ के कार्य किए गए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में बहुत कम है।

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