जय, विकास दुबे को खत्म कर हड़पना चाहता था आर्थिक साम्राज्य

कानपुर

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जय बाजपेई ने दोहरा खेल खेला है। एक तरफ बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ से ठीक पहले विकास दुबे को असलहे और रकम पहुंचाई तो दूसरी तरफ राहुल तिवारी की मदद की। एक अफसर से दबाव बनवाकर उसने विकास दुबे के खिलाफ राहुल की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कराई। विकास के रुपये न देने पड़ें, इसलिए उसने ऐसा किया। साथ ही विकास के साम्राज्य पर कब्जा भी जमाना चाहता था। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है। हालांकि पुलिस ने इसे सार्वजनिक नहीं किया है।

जय कई सालों से विकास दुबे से जुड़ा था। विकास की करोड़ों की रकम अलग-अलग कारोबार में लगा रखी थी। सात-आठ करोड रुपये ब्याज पर उठा रखे थे। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक जय यह पूरी रकम हड़पना चाहता था।

जिन कामों में विकास की रकम लगाई थी, उसे भी कब्जाना चाहता था। इसी वजह से उसने राहुल की मदद की। उसे यकीन था कि इस मामले के बाद विकास या तो जेल जाएगा या एनकाउंटर में मारा जाएगा। इसके बाद वह विकास की रकम हजम कर जाएगा। हालांकि अब खुद जय भी मामले में फंस गया है।

जय शुरू से ही अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के संपर्क में रहा है। जिसकी सत्ता होती थी, वह उसका खास बन जाता था। पुलिस-प्रशासन के अफसरों तक पैठ बनाता फिर अपने काम करवाता था।

पुलिस के मुताबिक बिकरू से तीन चार किमी दूरी पर जय का गांव दिलीप नगर है। इसके चलते स्थानीय स्तर पर भी वह अपना दबदबा कायम करना चाहता था। इसके चलते ही वह पहले विकास से जुड़ा। अब विकास को ही रास्ते से हटाने की तैयार में जुट गया था।

 

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