ददाहू (सिरमौर)। पढ़ाई के पीक समय के दौरान सरकारी स्कूलाें मेें की जा रही छुट्टियों से अभिभावक चिंतित हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार सरकारी स्कूलों में 6 से 16 जनवरी तक 10 दिनों का अवकाश घोषित किया जाना है। अभिभावकों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है। साथ ही इस अवकाश पर रोक लगाने की मांग की है।
अभिभावकों का तर्क है कि तीन मार्च से बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। जनवरी और फरवरी के मात्र दो माह ही बच्चों की पढ़ाई के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। लेकिन विभाग ने जनवरी माह में ही 10 दिनों के लंबे अवकाश का फरमान जारी कर दिया है।
अभिभावक सुरजन सिंह, टीका राम, कैशवानंद, यशपाल, भीम दत्त, होथियार सिंह, पुष्पा शर्मा, कमला चौहान और द्वारका देवी ने बताया कि बीते अक्तूबर माह से ही चुनाव आचार संहिता के दौरान से बच्चोें की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। दिसंबर माह में चुनावी गतिविधियों को निपटाने के बाद अधिकतर शिक्षक अपनी बची हुई छुट्िटयां लेकर घर बैठ गए हैं। इस कारण दिसंबर माह में भी पढ़ाई संभव नहीं हो पाई है।
शिक्षा विभाग के निदेशक दिनकर बुराथोकी ने जनवरी में 10 दिनों का अवकाश घोषित होने की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी शिक्षकाें को छुट्िटयों के पश्चात पढ़ाई को पूरा करवाने के निर्देश दिए हैं। बुराथोकी ने बताया कि अवकाश का पूरा शेड्यूल विशेष कैबिनेट द्वारा बनाया जाता है। छुट्िटयों को बंद और कम करना उनके अधिकार में नहीं है।