जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा अपनी पहली विदेश यात्रा के दूसरे चरण के तहत मंगलवार को वियतनाम से इंडोनेशिया पहुंच गए। उन्होंने कहा कि दोनों दक्षिण एशियाई देश ‘मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत’ दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह चीन के बढ़ते प्रभाव और दक्षिण चीन सागर को लेकर अन्य सरकारों के साथ विवादों में चीनी हठधर्मिता का मुकाबला करने के लिए जरूरी है।
बता दें कि सुगा की यात्रा का उद्देश्य चीन के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ क्षेत्र के देशों को एकजुट करना है। सुगा ने कहा कि जापान अपने हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में सहयोग के लिए दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के सदस्य देशों को एक करना चाहता है। जापान नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान करता है। जापान इंडोनेशिया के साथ अपने रक्षा संबंधों को गहरा करने के साथ ही रक्षा उपकरण एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते को आगे बढ़ाना चाहता है।
जापान ने सोमवार को वियतनाम के साथ एक ऐसे ही समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। जापान का अमेरिका, ब्रिटेन, फिलीपीन और मलयेशिया सहित कई देशों के साथ रक्षा उपकरण हस्तांतरण समझौते हैं।
फिजी में हिंसक झड़प को लेकर ताइवान और चीन ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप
फिजी में आठ अक्तूबर को ताइवान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में चीनी दूतावास के अधिकारियों और ताइवान सरकार के कर्मचारियों के बीच हिंसक झड़प को लेकर दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। संघर्ष में ताइवान के एक कर्मचारी के सिर में चोट आई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहीं एक चीनी राजनयिक भी घायल हो गया।
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी देशों की सरकारों के कर्मियों के बीच तनाव उस समय पैदा हुआ जब समारोह में एकत्रित ताइवानी लोगों ने चीन के राजनयिकों को अतिथियों की तस्वीरें लेने से रोका। हम फिजी में हमारे राजदूतों के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए चीन की कड़ी निंदा करते हैं। वहीं फिजी में चीनी दूतावास ने बयान में कहा कि ताइवान का दावा तथ्यों से मेल नहीं खाता। हमारा एक कर्मचारी भी घायल हुआ है।