धर्मशाला। परिवहन कर्मचारी महासंघ ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के अधिकारियों पर प्रदेश सरकार को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं। हिमाचल परिवहन कर्मचारी महासंघ इंटक के राज्य अध्यक्ष उमेश शर्मा, उपाध्यक्ष प्रदीप बलौरिया, महासचिव जगरूप सिंह और धर्मशाला इकाई के महासचिव रविंद्र सिंह जाट ने एचआरटीसी के अधिकारियों पर ये संगीन आरोप लगाए हैं। प्रदीप बलौरिया ने कहा कि एचआरटीसी में निकम्मी अफसरशाही के कारण प्रदेश सरकार की छवि खराब हो रही है। परिवहन कर्मचारियों को इस बार एक हफ्ते देरी से वेतन मिलना निगम के अधिकारियों की सुस्त कार्यप्रणाली को दर्शाता है। उन्होंने कर्ज लेकर परिवहन कर्मचारियों को वेतन देने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर एचआरटीसी प्रबंधन को वेतन के लिए कर्ज ही लेना था तो 31 जनवरी से पूर्व यह फैसला क्यों नहीं लिया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि एचआरटीसी की वित्तीय स्थिति को परिवहन मंत्री जीएस बाली के समक्ष क्यों नहीं रखा गया। बलौरिया ने कहा कि एचआरटीसी के शिमला में बैठे उच्चाधिकारियों के गलत फैसलों की वजह से जनता के बीच प्रदेश सरकार की फजीहत हो रही है। इसलिए ऐसे अधिकारियों का एचआरटीसी के उच्च पदों पर बने रहना गलत साबित हो रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते कर पद से हटाने की मांग की है। ताकि भविष्य में प्रदेश सरकार की स्पष्ट छवि धुमिल न हो पाए।
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