गढ़ किसी का नहीं होता, जयराम भी हारे थे 2013 में मंडी उपचुनाव : विक्रमादित्य

गढ़ किसी का नहीं होता, जयराम भी हारे थे 2013 में मंडी उपचुनाव : विक्रमादित्य

शिमला
पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र और शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि गढ़ किसी का नहीं होता है, यह सब समय-समय की बात होती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी वर्ष 2013 में हुए मंडी संसदीय सीट का उपचुनाव हारे थे। वीरवार को अमर उजाला से बातचीत में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हाईकमान अर्की या मंडी जिस भी सीट से निर्देश देगा, वहीं से उनकी माता प्रतिभा सिंह चुनाव लड़ेंगी। प्रतिभा सिंह दो बार मंडी से सांसद रही हैं।

अब नए समीकरण प्रदेश की राजनीति में देखने को मिले हैं। पार्टी नेताओं और केंद्रीय हाईकमान से हम संपर्क में हैं। हमारा परिवार लोगों से जुड़ा रहा है। जो भी जिम्मेदारी पार्टी हित में मिली है, उसे निभाया है। हार और जीत का कभी नहीं सोचा। हाईकमान जो भी फैसला लेगा, उसका सम्मान किया जाएगा। प्रदेश की जनता हमारे साथ है।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वीरभद्र सिंह के निधन के बाद प्रदेश की राजनीति में समीकरण बदले हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को लेकर कुछ भी कहने के लिए मेरा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जैसा राजनीतिक कद नहीं है। कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को पार्टी को मजबूत करना चाहिए।

अपने हित की जगह पार्टी के हित को देखना चाहिए। अपने-अपने हलकों पर सभी नेताओं को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला विधायकों पर छोड़ा जाना चाहिए। पहले हमें बहुमत लाने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे व्यक्तिगत कोई भी लालसा नहीं है। पार्टी और प्रदेश के लिए काम करना चाहता हूं। वीरभद्र सिंह ने पूरे प्रदेश को एक धागे में पिरोने का काम किया है। मैं भी एक दृष्टिकोण से सभी लोगों को देखता हूं।

चुनावी घोषणाओं से प्रदेश के लोग अच्छे से वाकिफ
उन्होंने कहा कि उपचुनाव के चलते प्रदेश में हो रही कोरी घोषणाओं से लोग अच्छी तरह से वाकिफ है। यह दारियादिली अगर मुख्यमंत्री ने दो साल पहले दिखाई होती तो अच्छा रहता। अब चुनावों के लिए लोगों को लुभाया जा रहा है। इन घोषणाओं के लिए बजट भी होना चाहिए।

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