खाने लायक नहीं सस्ता राशन

ऊना। उचित मूल्य की सरकारी दुकानों में आईआरडीपी और बीपीएल परिवाराें को घटिया एवं निम्न स्तर का राशन दिया जा रहा है। गरीबों को बांटे जा रहे चावल खाने लायक नहीं हैं। विभाग हजारों परिवारों की सेहत से सरेआम खिलवाड़ कर रहा है। विभाग की लापरवाही के चलते लोगों में रोष है। इनका कहना है कि यदि निम्न स्तर का ही राशन गरीबों को बांटना है तो ऐसे राशन की उन्हें आवश्यकता नहीं है। डिपुओं में मिल रहे चावल खाने लायक नहीं है। गेहूं की हालत तो इतनी खराब है कि गरीब लोग खरीदने से भी तौबा कर रहे हैं। ऊना शहर से आशा देवी, लता देवी, पवनेश, कुलदीप, राकेश, जगदीश चंद, बंगाणा से नानक चंद, प्रवीण, जगत राम, कमल किशोर, अंब से निहाल, कीरत सिंह, राम लाल, गगरेट से रूम सिंह, अशोक कुमार, वीना देवी, पूनम, गुड्डी और नैना देवी आदि ने कहा कि वे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। उचित मूल्य की सरकारी दुकानों में उन्हें जो चावल मिल रहे हैं, वे मवेशियों को खिलाने लायक भी नहीं हैं। चावल को छांटने के लिए यदि किसी बर्तन में डालें तो बर्तन की सतह पर रेत की मोटी परत जम रही है। निम्न स्तर के इन चावलों के दाने पूरे होने के बजाय इनका चूरा बना हुआ है। कई बार धोने के बाद पकाने पर इनमें रेत शेष रह रही है। गेहूं की हालत इससे भी खराब है। गरीबों से ऐसा घिनौना मजाक नहीं होना चाहिए।

जिले में हजारों गरीब
साढ़े पांच लाख जनसंख्या वाले ऊना जिले में बीपीएल परिवारों की संख्या 20296 और एपीएल परिवारों की संख्या 11425 है। जिला नियंत्रक ने कहा कि एपीएल परिवारों को चावल तीन रुपये, गेहूं दो रुपये प्रति किलो तथा बीपीएल परिवारों को चावल 6.85 रुपये तथा गेहूं का 5.25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से वितरण हो रहा है।

मामले की जांच होगी: नियंत्रक
जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक संतोष ब्यास ने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को डिपो में घटिया चावल और गेहूं मिल रहा है तो इसकी जांच होगी। खेप खराब पाई जाती है तो इसे वापस भेजा जाएगा।

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