कोविड रिपोर्ट देरी से आने पर मरीजों की हालत गंभीर

कोविड रिपोर्ट देरी से आने पर मरीजों की हालत गंभीर

शिमला
प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी में कोरोना संदिग्ध मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट 5 से 6 दिन बाद मिल रही है। रिपोर्ट समय से न मिलने के कारण मरीजों की हालत गंभीर हो रही है। रिपोर्ट में देरी के चलते चिकित्सक इलाज शुरू नहीं कर रहे। समस्या का समाधान सरकार और आईजीएमसी प्रबंधन 8 महीनों बाद भी नहीं कर पाया है। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ती जा रही है। आईजीएमसी में कोविड मरीजों के रोजाना औसत 600 से अधिक सैंपल जांच के लिए आ रहे हैं।

अस्पताल की लैब में बड़ी और छोटी मशीन पर 135 तक ही सैंपल लग पाते हैं। दो ही मशीनों पर सैंपलों की जांच हो पा रही है। टेस्ट रिपोर्ट देरी से आने के रोजाना कई मामले सामने आते हैं। इनमें अधिकांश मरीज वे होते हैं जो कोरोना संदिग्ध वार्ड में दाखिल रहते हैं। रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण इनका उपचार समय पर नहीं हो पा रहा है। होम आइसोलेट मरीजों को भी इससे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बड़ी मशीन में 92 तो छोटी में 44 सैंपल की क्षमता
अस्पताल में दो मशीनें हैं। इनमें बड़ी मशीन पर एक बार में 92 सैंपल लगते हैं। छोटी मशीन पर 44 सैंपल लग पाते हैं। इनको जोड़ दिया जाए तो एक बार में 150 सैंपल भी नहीं लग पाते हैं।

 

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