कैबिनेट मंत्री ने साढ़े पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीन को 95 लाख रुपये में खरीदा, विजिलेंस ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी

कैबिनेट मंत्री ने साढ़े पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत , विजिलेंस ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी

शिमला
जमीन खरीद मामले में कैबिनेट मंत्री के खिलाफ हुई विजिलेंस की प्रारंभिक जांच (डिस्क्रीट वेरिफिकेशन) में पता चला है कि मंत्री ने करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत की जमीन को 95 लाख रुपये में खरीदा है। इसके अलावा जांच अधिकारियों को एक करीबी के नाम खरीदी जमीन में साढ़े सात लाख नकद देने की भी जानकारी मिली है। ऐसे में संभव है कि भू सौदे की असली कीमत छुपाने को लाखों के काले धन का नकद लेनदेन किया गया। विजिलेंस ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है और मंत्री के भविष्य पर फैसला होना है।

दरअसल, मंत्री के खिलाफ मिली शिकायत की जांच के दौरान पता चला है कि इन सौदों के दौरान हर नियम तोड़ा गया। दो लाख से ज्यादा के नकद लेनदेन पर रोक है, लेकिन जांच में पता चला है कि मंत्री ने करीबी के नाम एक जमीन का सौदा किया और करीब आठ लाख का नकद लेनदेन किया। संभव है कि ऐसा जमीन को लिखा पढ़ी में सस्ता दिखाने के लिए किया था। जिस जमीन का सर्किल रेट के हिसाब से दाम साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा बनता है और सामान्य तौर पर मार्केट रेट सर्किल रेट से ज्यादा होता है, उस जमीन को सर्किल रेट के पांचवें हिस्से के दाम पर खरीदा दिखाया गया। इससे सरकार को भी भारी राजस्व का नुकसान हुआ और काले धन को भी एडजस्ट किए जाने की आशंका है। बता दें कि मंत्री के खिलाफ कांगड़ा के एक व्यक्ति ने इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय और विजिलेंस तक शिकायत की थी।

 

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