कैप्टन का एलान, विदेश जाने वाले विद्यार्थियों को टीकाकरण में मिलेगी प्राथमिकता

कैप्टन का एलान, विदेश जाने वाले विद्यार्थियों को टीकाकरण में मिलेगी प्राथमिकता

चंडीगढ़
पंजाब से विदेश पढ़ने जाने वालों के लिए अच्छी खबर है। पंजाब सरकार अब प्राथमिकता के आधार पर इन लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाएगी। दरअसल, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इन छात्रों को 18-44 साल की आयुवर्ग वाली श्रेणी में प्राथमिकता देने की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य एवं मेडिकल शिक्षा विभागों को निर्देश दिया कि वह जिलों को 10 प्रतिशत डोज का इस्तेमाल 18 से 45 आयु वर्ग की प्राथमिक श्रेणियों के लिए करने की आज्ञा दें।

उन्होंने कहा कि इस सूची में विदेश जाने के इच्छुक विद्यार्थियों के अलावा बुजुर्गों की देखभाल करने वाले व्यक्तियों और अन्य प्राथमिक समूहों को शामिल किया जा सकता है। कैप्टन ने संबंधित विभागों से कहा कि वह वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर इस आयु वर्ग में, राज्य सरकार की तरफ से जिन श्रेणियों को प्राथमिकता दी गई है, से संबंधित सभी व्यक्तियों का सक्रियता से टीकाकरण किया जाना सुनिश्चित करें। 

उल्लेखनीय है कि राज्य की तरफ से शुरू में 18 से 45 आयु वर्ग में निर्माण कामगारों, सह-रोगों वाले व्यक्तियों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के परिवारों को प्राथमिकता दी गई थी और इन श्रेणियों में 4.3 लाख व्यक्तियों को टीका लगाया जा चुका है। इसके बाद इस सूची का विस्तार करके इसमें दुकानदारों और उनके स्टाफ, आतिथ्य उद्योग में काम करते स्टाफ (होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज पैलेस, केटरर), रसोइए, वेटर आदि, औद्योगिक कामगार, रेहड़ी-छोटी दुकान वाले, अन्य फेरी लगाने वाले खासकर जो खाने-पीने वाली चीजें-जूस, चाट, फल आदि बेचते हैं, डिलीवरी एजेंट, एलपीजी बांटने वाले व्यक्ति, बस ड्राइवर, कंडक्टर, ऑटो/कैब ड्राइवर और स्थानीय निकाय के नेता (मेयर, पार्षद, सरपंच, पंच) को शामिल किया गया है।

मेडिकल कॉलेज फैकल्टी को रद्द छुट्टियों के बदले मिलेंगी अर्नड लीव
बीते एक साल से अधिक समय से कोविड महामारी के विरुद्ध लड़ रहे मेडिकल कॉलेज फैकल्टी की वचनबद्धता और कड़ी मेहनत को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनकी रद्द की गई छुट्टियों के बदले कमाई (अर्नड लीव) छुट्टी का पूरा लाभ देने का एलान किया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेज फैकल्टी महामारी के दौरान गर्मी और सर्दियों की छुट्टियों का लाभ नहीं ले सके और वह इस सुविधा से वंचित रहे। उन्होंने कहा कि इन फैकल्टी सदस्यों को उनकी सेवाओं के लिए मुआवजा देने की जरूरत है। सरकार ने उनकी रद्द की छुट्टियों की मियाद के मुकाबले उनकी सालाना कमाई छुट्टी की मियाद के 30 दिनों का पूरा लाभ देने का फैसला किया है। 

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