कीटनाशक दवाइयों पर सब्सिडी बंद, विभाग के चक्कर काटने को किसान और बागवान मजबूर

कीटनाशक दवाइयों पर सब्सिडी बंद, विभाग के चक्कर काटने को किसान और बागवान मजबूर

हिमाचल प्रदेश में  बागबानों-किसानों को कीटनाशकों पर मिलने वाला अनुदान जल्द बंद होने वाला है। सरकार की ओर से फैसला लिया गया है कि बागवानों और किसानों को बाजार से खरीद के बाद तय मानदंडों के अनुरूप सब्सिडी की राशि सीधे बैंक खाते में दी जाएगी। वरिष्ठ पौध संरक्षण अधिकारी टीआर बुशेरी ने कहा कि कीटनाशकों पर अनुदान बंद हो रहा। इसलिए जो बजट बागवानी विभाग के पास पड़ा है। उससे दवाइयां खरीदी जाएंगी। इसके बाद बागवानों को उद्यान विभाग अधिकारी के पास दवाइयों के बिल जमा करवाने के पश्चात ही सीधे खाते में अनुदान राशि जाएगी।

एक हेक्टेयर भूमि के लिए 4000 रुपये की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। बागवान पंकज नेगी की राय है कि बागवान पहले ही सब्सिडी के लिए भटकता रहता है। यह व्यवस्था लागू होने से बागवानी विभाग के चक्कर काटने के लिए मजबूर होना पडे़ेगा। जिस तरह पहले से बागवानो को दवाइयों पर अनुदान मिल रहा था. उसी तरह से ही दिया जाए। बागवान आरएल जस्टा ने बताया कि अगर सरकार दवाइयों पर अनुदान राशि बंद करती है तो इससे सरकार पर वित्तीय बोझ अधिक पड़ेगा। बागवान मोहित धरमैईक ने बताया कि सरकार दवाइयों के अनुदान का नियम बदल रही है, सरकार को यह ध्यान रखना होगा कि किसान और बागवानों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

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