किस ओर झुकेगी हिलोपा?

बैजनाथ (कांगड़ा)। प्रदेश में थर्ड फ्रंट के रूप में सामने आई हिमाचल लोकहित पार्टी (हिलोपा) के नेताओं ने पार्टी की स्थिति स्पष्ट कर दी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेश्वर सिंह और उपाध्यक्ष दूलो राम की ओर से किसी भी सूरत में दूसरी पार्टी में विलय न करने की योजना दोनों दलों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है। पूर्व में हिविकां व दूसरे दलों का बाद में भाजपा या कांग्रेस में विलय होता रहा है। लेकिन महेश्वर सिंह के नेतृत्व में गठित पार्टी के तेवर कुछ और ही दिख रहे हैं।
शुक्रवार को महेश्वर यह कहने से भी नहीं चूके कि सिद्धांत विहीन भाजपा को तो समर्थन का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्हाेंने भाजपा के बड़े नेताओं को ही निशाना बनाया और कांग्रेस का नाम लेने से परहेज किया। इससे चुनाव नतीजों के उपरांत हिलोपा का झुकाव कांग्रेस की तरफ रहने की बात को बल मिला है। हालांकि उन्हाेंने इसका निर्णय सहयोगी दलों व पार्टी के नेताओं की राय पर छोड़ दिया है। उन्हाेंने साफ कर दिया कि पारिवारिक, सामाजिक व राजनीतिक रिश्ते अपनी जगह होते हैं। गौरव मंच का हिलोपा में विलय कर चुके दूलो राम का कहना है कि हम अन्य पार्टियों का समर्थन क्यों करें, बल्कि ऐसी स्थिति की उम्मीद है कि अन्य पार्टियां हमारा समर्थन करें। एक बात तय है कि सीपीएम व सीपीआई का सहयोग हिलोपा को भविष्य में सफल तीसरे फ्रंट का दर्जा दिला सकता है। लोगों की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि चुनाव नतीजों के बाद अगर हिलोपा की भूमिका रहती है तो वह किस ओर झुकेगी।

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