किन्नौर में विशु मेले की धूम

सांगला (किन्नौर)। जनजातीय क्षेत्र किन्नौर में इन दिनों बोल मेले की धूम है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐतिहासिक मेले को अलग अंदाज में मनाया जाता है। यह विशेष पर्व विशु पर्व के बाद ही आरंभ होता है। किन्नौर के विभिन्न गांवों में इस पर्व को अपने अपने कुल देवता के अनुसार मनाने का विशेष महत्व है। इस पर्व को ग्रामीण अपने ईष्ट देवताओं के आदेशों के अनुसार अलग-अलग समय मेले के लिए तय करते हैं। ग्रामीण सुबह जंगलों से देवदार की टहनियों को घरों के मुख्य द्वार पर लगाना शुभ और सुरक्षित मानते हैं।
इस पर्व पर क्षेत्र के लोग गांव की सुख शांति और वर्ष भर की फसलों की अच्छी पैदावार की कामना करते हैं। विशु पर्व को लेकर मंगलवार को सांगला तहसील के बटसेरी गांव में विशु पर्व जिसे स्थानीय भाषा में बोल मेला कहा जाता है, धूमधाम से मनाया गया। ग्रामीण सुबह से ही सज धज कर बद्रीनारायण जी, विष्णु नारायण जी और तपो नारायण जी के मंदिरों में एकत्रित हुए। इस विशेष पर्व के पौराणिक और ऐतिहासिक प्रमाण के महत्व को बताते हुए ग्रामीणाें ने नारायण जी के मंदिर प्रंागण में 13 चक्कर किन्नौरी पारंपरिक भेष भूषा में वाद्य यंत्रों के धुन पर थिरकते हुए तलवार नृत्य किया। तलवार नृत्य में महारत हासिल करने वाले 11 स्थानीय लोग जगत चंद नेगी, दामोदर नेगी, दया कृ ष्ण नेगी, रंजीत सिंह, राजन नेगी, अजीत सिंह, अश्वनी नेगी, विक्रांत नेगी और भानू आशिश नेगी ने बताया कि इस पर्व को पूरी निष्ठा से मनाए जाने से वर्ष भर गांव पर किसी भी प्रकार का कोई प्राकृतिक आपदा का संकट नहीं आता। बद्री नारायण जी के माथास गिधारी नेगी और पुजारी हरी भगत नेगी ने बताया कि इस पर्व में लोगों का उत्साह देखते बनता है।

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