कालीन में अंकित कर दिया नेपाल का नक्शा

जौलजीबी (पिथौरागढ़)। महाकाली नदी और गोरी नदी के संगम पर लगने वाले जौलजीबी मेले को भारत, नेपाल और तिब्बत की साझी संस्कृति के मेले के रूप में देखा जाता है। इस बात का प्रमाण इससे मिल जाता है कि भारतीय बुनकर नेपाली ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कालीन पर न केवल वहां के जिलों के नाम ही अंकित कर देते हैं वरन हर जिले का स्पष्ट नक्शा भी कालीन में अंकित है।
घाटीबगड़ धारचूला निवासी सनम ने एक विशेष तरह का कालीन तैयार किया है। कालीन के ऊपर नेपाल 14 अंचल शीर्षक लिखा है। उसके नीचे एक एक कर नेपाल के सभी जिलों का नक्शा और नाम भी अंकित है। यह कालीन एक तो घर की शोभा बढ़ाएगा और दूसरी ओर यह सामान्य ज्ञान भी बढ़ाएगा। बुनकरों ने बताया कि इस तरह के कालीन को भारतीय लोग भी खरीदते हैं। नेपाल के लोगों के लिए तो यह विशेष महत्व रखता है। विशेष किस्म के इस कालीन में नेपाल के 14 अंचल महाकाली, सेती, भेटी, राप्ती, लुंबिनी, कर्णाली, गंड़की, बागमती, नारायणी, धवलगिरी, सागरमाथा, जनकपुर, कोसी के नक्शे और नाम साफ पढ़ने में आ जाते हैं।
कालीन बनाने में मेहनत बहुत होती है लेकिन कीमत 3000 रुपये तक ही मिल पाती है। एक कालीन को बनाने में 25 से 30 दिन लग जाते हैं। इसमें तिब्बती ऊन का प्रयोग होता है। निचले हिस्से में सूत लगता है। रंगाई पर अलग से खर्च आता है।

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