कई निजी नर्सिंग संस्थानों पर आयोग ने दिए सख्ती बरतने निर्देश

कई निजी नर्सिंग संस्थानों पर आयोग ने दिए सख्ती बरतने निर्देश

शिमला
हिमाचल प्रदेश में स्थित कई निजी नर्सिंग संस्थान जानकारियां देने में आनाकानी कर रहे हैं। इस संस्थानों की अस्पतालों से संबद्धता को लेकर निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग जांच कर रहा है। अधूरी जानकारियां देकर नर्सिंग संस्थान अपना पल्ला झाड़ रहे है। इस कार्यप्रणाली को लेकर आयोग ने अब सख्ती बरतने का फैसला लिया है। नर्सिंग संस्थानों को पत्र जारी कर पूरी जानकारी एक सप्ताह में देने के निर्देश दिए हैं। निर्धारित समय में जानकारी नहीं देने वाले संस्थानों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। नर्सिंग संस्थानों की ओर से सही रिकॉर्ड नहीं मिलने पर इन पर लगे आरोप सही साबित होने का शक बढ़ गया है। आयोग की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि कई संस्थानों में गवर्निंग बॉडी नहीं बनाई गई है।

इंडियन नर्सिंग काउंसिल की ओर से भी कई मंजूरियां नहीं ली गई हैं। शिक्षकों की नियुक्ति भी काउंसिल के नियमों के अनुसार नहीं हुई है। जिन अस्पतालों से संस्थान संबद्ध है, वहां के बेडों का प्रकार और संख्या भी स्पष्ट नहीं है। आयोग ने इन सभी बिंदुओं को लेकर नर्सिंग संस्थानों से रिकॉर्ड तलब किया था लेकिन कई संस्थानों ने जानकारी नहीं दी है। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि जानकारियां नहीं मिलने से प्रतीत होता है कि संस्थानों में कई गड़बड़ियां हैं। उन्होंने कहा कि अब जानकारी देने के लिए अंतिम मौका दिया जा रहा है। इसके बाद आयोग सख्त कार्रवाई शुरू करेगा।

एनओसी लेने में फर्जीवाड़ा करने की शिकायतों को लेकर नर्सिंग संस्थानों के खिलाफ जांच शुरू हुई है। विनियामक आयोग प्रदेश के 48 नर्सिंग संस्थानों की जांच कर रहा है। आयोग ने कई शिकायतें आने के बाद नर्सिंग संस्थानों के खिलाफ जांच शुरू की है। शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश में 20 से 40 बिस्तरों के अस्पतालों और प्राइमरी हेल्थ सेंटर से जुड़े संस्थानों को भी एनओसी जारी की गई हैं। विद्यार्थी और मरीजों का 1:3 अनुपात नहीं है। कई संस्थानों ने तीन से चार निजी अस्पतालों से खुद को संबद्ध बताते हुए 150 बिस्तरों की संख्या दिखाते हुए नियमों को पूरा किया है।

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