एडिड स्कूल यूनियन की सड़कों पर उतरने की चेतावनी

जालंधर: आज पंजाब राज्य एडिड स्कूल अध्यापक एवं अन्य कर्मचारी यूनियन जालंधर इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधीश श्रुति सिंह से मिला जिसमें एडिड स्कूलों के लिए ग्रेड पे संबंधित पत्र अभी तक जारी न होने पर रोष जताया गया। यूनियन के जिला प्रधान अरविन्द बैंस एवं पी.आर.ओ. मनीष अग्रवाल ने जिलाधीश को बताया कि एडिड स्कूल कर्मियों तथा एडिड स्कूलों की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है।

सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को संशोधित ग्रेड पे लगभग 2 साल पहले दिए जा चुके हैं परन्तु एडिड स्कूलों के लिए ग्रेड पे संबंधित पत्र अभी तक जारी नहीं किया गया जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2013-14 के लिए कोई ग्रांट सरकार से प्राप्त नहीं हो सकी। कर्मचारी अपने वेतन से वंचित हैं। मकान किराया भत्ता, मैडीकल भत्ता एवं अन्य लाभ भी हमें 5वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार नहीं दिए जा रहे।

यूनियन के दीपक सनन एवं जसवीर पाल के अनुसार 2003 में भर्ती पर लगी रोक के कारण कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां कोई एडिड पोस्ट नहीं बची और कुछ स्कूल में जल्दी ही सभी एडिड कर्मचारी रिटायर्ड होने की स्थिति में हैं। लगभग 807 स्कूल बिना रैगुलर स्कूल मुखी के काम कर रहे हैं। यूनियन द्वारा जिलाधीश से मांग की गई कि वह एडिड स्कूल की समस्याओं के संबंध में शिक्षा मंत्री, वित्त सचिव एवं शिक्षा सचिव से बात करें।

एडिड स्कूलों की एवं कर्मचारियों की समस्याओं के स्थायी हल के लिए इन कर्मचारियों को सरकारी स्कूलों में मर्ज कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि अध्यापक वर्ग विद्यार्थियों के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए अपनी मांगों को सड़क पर नहीं लेकर आना चाहते परन्तु अगर सरकारी रुख में परिवर्तन नहीं आया तथा हमारी मांगों पर गौर न किया गया तो जल्दी ही एडिड स्कूल यूनियन संघर्ष का बिगुल बजा देगी।

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