एक ही कमरे में बैठती हैं पांच कक्षाएं

केलांग। हर बच्चे को शिक्षा मुहैया करवाने के मंच से होने वाले सरकारी दावे धरातल पर पूरे होते नजर नहीं आते। जनजातीय क्षेत्र लाहौल घाटी की हालत देख कर इन दावों का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। जिला से पूर्व विधायक रामलाल मारकंडेय के ससुराल वारिंग में प्राथमिक स्कूल के बच्चे करीब दो सालों से युवक मंडल के भवन में पढ़ाई कर रहे हैं।
युवक मंडल भवन के एक कमरे में पांच कक्षाओं को एक साथ पढ़ाया जा जाता है। इसी कमरे में बच्चों के लिए मिड-डे-मील की खिचड़ी भी पकती है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चे कितनी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। हालांकि वारिंग प्राथमिक स्कूल का अपना भवन है लेकिन भवन की जर्जर हालात के चलते इस भवन को डिस्मेंटल करने के आदेश जारी हो चुके हैं। दो साल से बच्चे अब एक ही कमरे में बैठने को मजबूर हैं। हैरत इस बात की है कि दो साल के भीतर सरकारें बच्चों को स्कूल भवन तक नहीं बनवाई। इतना ही नहीं इसी कमरे के एक कोने में बच्चों के लिए मिड-डे-मील की खिचड़ी भी पकाई जाती है।
डीपीईपी और सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के तमाम सरकारी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में दो-दो कमरों के अलावा एक किचन बनाने का प्रावधान रखा गया है।
वारिंग स्कूल में तैनात हेड टीचर प्रेमचंद ने माना कि एक ही कमरे में पांच कक्षाएं चल रही हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में अधिकारियों से पत्रचार किया है। उधर जिला शिक्षा उपनिदेशक प्रेमनाथ परशीरा का कहना है कि इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। बच्चों को जल्द ही नया स्कूल भवन दिलाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

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