एक शातिर फर्जी आईजी बन उद्यमियों से 1.49 करोड़ की अवैध वसूली, जांच के लिए एसआईटी गठित

एक शातिर फर्जी आईजी बन उद्यमियों से 1.49 करोड़ की अवैध वसूली, जांच के लिए एसआईटी गठित

शिमला
फर्जी आईजी औद्योगिक क्षेत्रों का दौरा करता था तो हरियाणा पुलिस के वर्दीधारी और सशस्त्र पुलिस कर्मचारी भी अवैध रूप से उसके साथ जाते रहे। ऐसा इसलिए किया गया, जिससे किसी को फर्जी आईजी पर शक न हो। उधर, मामले की जांच के लिए डीजीपी संजय कुंडू ने एसआईटी का गठन कर दिया है।

फर्जी आईजी बनकर एक शातिर आरोपी ने कालाअंब, बद्दी, नालागढ़ और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में साथियों के साथ उद्योगपतियों से 1.49 करोड़ की अवैध वसूली की है। फर्जी आईजी औद्योगिक क्षेत्रों का दौरा करता था तो हरियाणा पुलिस के वर्दीधारी और सशस्त्र पुलिस कर्मचारी भी अवैध रूप से उसके साथ जाते रहे। ऐसा इसलिए किया गया, जिससे किसी को फर्जी आईजी पर शक न हो। उधर, मामले की जांच के लिए डीजीपी संजय कुंडू ने एसआईटी का गठन कर दिया है। इस घटनाक्रम को लेकर सीआईडी के भराड़ी स्थित थाने में मुख्य आरोपी विनय अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 170, 419, 383 और 120-बी के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपी हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है। बीते दो दिन पहले पुलिस ने आरोपी के पंचकूला स्थित आवास में भी दबिश दी थी।

पुलिस के अनुसार इसके पीछे ऐसा गिरोह हो सकता है, जिसकी कई कड़ियां हो सकती हैं। मामले की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम रोहित मालपानी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई है। एसपी गौरव सिंह, एसपी सीआईडी क्राइम वीरेंद्र कालिया, एएसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर, डीएसपी सीआईडी क्राइम मुकेश कुमार सहित दो इंस्पेक्टर, पांच सब इंस्पेक्टर और 1 एएसआई को इसमें शामिल किया है। सीआईडी को अंदेशा है कि इस गिरोह में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। मामले में कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं। एसआईटी अब इसके खाते और संपत्तियों की भी जांच करेगी।

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