इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर मिलेगा इंसेंटिव, पुराने वाहन बदलने पर भी मिलेगा लाभ

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर मिलेगा इंसेंटिव, पुराने वाहन बदलने पर भी मिलेगा लाभ

शिमला

जयराम मंत्रिमंडल ने जिस इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी को ड्राफ्ट को मंजूरी दी, उससे इन वाहनों को बढ़ावा देने के साथ ही हिमाचल प्रदेश का वातावरण भी साफ-सुथरा रहेगा। जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी को पांच साल के लिए लागू किया जाएगा। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के  लिए दोपहिया से लेकर व्यवसायिक वाहनों की खरीद करने पर सरकार इंसेंटिव देगी। यह इंसेंटिव वाहनों में लगने वाली बैटरियों की क्षमता के अनुसार तीन हजार रुपये प्रति किलो वाट के हिसाब से मिलेगा। हालांकि इस सब्सिडी पर हर श्रेणी के वाहन पर अधिकतम सीमा भी रहेगी। वाहन खरीदते समय ही मिलेगा जिससे खरीददार की जेब पर बोझ कुछ कम होगा।

साथ ही जो लोग अपने पुराने वाहनों को बेचकर नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहेंगे, उन्हें वाहन स्क्रैप करने पर भी अलग से इंसेंटिव की व्यवस्था रहेगी। प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से सरकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके  से इलेक्ट्रिक वाहनों से बदला जाएगा। लक्ष्य यह भी है कि 2025 तक 15 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदल दिया जाए। शिमला, मंडी, धर्मशाला और बद्दी जैसे ज्यादा वाहनों के दबाव वाले शहरों में पब्लिक ट्रांस्पोर्ट सिस्टम के साथ ही निजी इस्तेमाल होने वाले वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने पर जोर दिया जाएगा। बता दें, हिमाचल प्रदेश में पहले ही 75 ईवी बसें और 50 छोटे वाहन एचआरटीसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर उपयोग कर रहा है। 

हर शहर में बनाए जाएंगे शून्य उत्सर्जन क्षेत्र
पॉलिसी के तहत सभी शहरों में कार्बन जीरो इमिशन जोन (शून्य उत्सर्जन क्षेत्र) बनाए जाएंगे। इन चिह्नित क्षेत्रों में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन या साइकिल या पैदल ही आवागमन किया जा सकेगा। इससे बढ़ते प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। वहीं सरकारी और निजी सहभागिता से प्रदेश भर में चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इसमें कैपिटल सब्सिडी के तौर पर चार्जिंग स्टेशन बनाने वालों को इंसेंटिव दिया जाएगा। वहीं इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाले उद्योगों को भी सस्ती दर पर जमीन देने से लेकर अन्य तरह की रियायत दी जाएगी।

Related posts