आतंक’ की राजधानी में तब्दील हो रहा है पेशावर

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कबाइली प्रांत खैबर पख्तुनख्वा की राजधानी पेशावर में कभी बुद्धम शरणं गच्छामि की गूंज सुनाई देती थी लेकिन आज वहां गोलियां खाने से निकली चीख और बम के तेज धमाके सुनाई देते हैं। अफगानिस्तान की सीमा से लगा पेशावर एक जमाने में कुषाण वंश के प्रसिद्ध शासक कनिष्क की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध था और जब राजा ने बौद्ध धर्म अंगीकार किया तो पूरा पेशावर ‘तत्कालीन पुरूषपुर’ बुद्धमय हो गया।

लेकिन मौजूदा पेशावर में अब पुराने पुरूषपुर की छाया भी नहीं रह गई। पेशावर में इन दिनों लगभग हर दिन बम धमाके हो रहे हैं। गत जून में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज ‘पीएमएलएन’ प्रमुख मियां नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री का पद संभाला और तब से पेशावर में अब तक लगभग 300 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

पाकिस्तान में सक्रिय कुख्यात आतंकवादी संगठन तालिबान को तहरीक-ए-तालिबान ‘टीटीपी’ के नाम से जाना जाता है। टीटीपी की मौजूदगी बहुत पहले से पेशावर में रही है। अफगानिस्तान की सीमा से लगे होने कारण तालिबानी लडाका आराम से पेशावर में अपनी जडें मजबूत कर रहे हैं। आतंक की राजधानी के रूप में पेशावर की तब्दीली दुनिया भर के मीडिया में सुर्खियों में भी छाई है। न्यूयार्क डेली ने कल अपने संपादकीय में लिखा कि तालिबान पाकिस्तान के पेशावर शहर में अपना ठिकाना बना रहा है।

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