आठ बार ड्रोन से आया हथियार और गोला-बारूद , NIA ने नौ के खिलाफ चार्जशीट दायर की

 मोहाली ( पंजाब)
पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से हथियारों की तस्करी कर हिंदुस्तान में दहशत मचाने के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने मोहाली स्थित एनआईए की विशेष अदालत में बुधवार को चार्जशीट दाखिल की गई। एजेंसी ने केस में आतंकी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजीएफ) नौ लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई।
आरोपियों पर अनलॉफुल एक्टिविटी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम समेत विभिन्न धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है। वहीं, पाकिस्तान और जर्मनी में बैठे दो लोगों के नाम भी इसमें शामिल है। हालांकि वह अभी तक एनआईए की पकड़ से बाहर है।

चार्जशीट में आकाशदीप सिंह उर्फ आकाश संधू  निवासी तरनतारन, बलवंत सिंह निवासी तरनतारन, हरभजन सिंह निवासी होशियारपुर, बलबीर सिंह निवासी जिला होशियारपुर, मान सिंह निवासी जिला गुरदासपुर, गुरदेव सिंह निवासी जिला होशियारपुर, शुभदीप सिंह निवासी जिला अमृतसर, सज्जनप्रीत सिंह निवासी जिला अमृतसर, रोमनदीप सिंह निवासी जिला तरनतारन का नाम शामिल। वहीं, गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा और रणजीत सिंह उर्फ नीटा समेत कुछ लोग भगोड़े घोषित किए है। एनआईए ने अदालत को बताया कि मामले की जांच चल रही है।जानकारी के मुताबिक इस मामले का खुलासा सितंबर 2019 में पंजाब पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन सेल ने किया था। इतना ही नहीं इस संबंधी केस दर्ज कर कई लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद केस पाकिस्तान से जुड़ा होने के चलते इसे एनआईए को सौंप दिया गया था।

इस दौरान जांच में सामने आया था कि पाकिस्तान में बैठे केजेएफ प्रमुख रणजीत सिंह उर्फ नीटा व गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा पंजाब में अशांति फैलाने में जुटे हुए हैं। उनके द्वारा उक्त आरोपियों के साथ मिलकर हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और नकली भारतीय करेंसी की तस्करी भारतीय सीमा में पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से की गई है ।

वहीं, ये खेप उनके सहयोगी आकाशदीप सिंह, बलवंत सिंह, हरभजन सिंह, बलबीर सिंह ने भारत में हासिल की। इनका मुख्य उदेश्य पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करना था। इस काम की जिम्मेदारी सुभदीप सिंह को सौंपी गई थी। वहीं, उक्त लोग पंजाब और देश के अन्य राज्यों में असहमति, सांप्रदायिक तनाव और अस्थिरता का माहौल बनाने के लिए एक बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहे हैं।

जेल से रची गई थी सारी साजिश

एनआईए की जांच मे यह बात साफ हो गई है कि आरोपी आकाशदीप सिंह को खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स में मान सिंह और गुरदेव सिंह ने भर्ती करवाया। वहीं, इस आतंकी घटना की सारी साजिश अमृतसर स्थित सेंट्रल जेल में 2018-2019 के दौरान रची गई थी। तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में चल रहे है।

आठ बार आई हथियारों की खेप
एनआईए की जांच में यह बात सामने आाई है कि तरनतारन जिले में सीमा पार से हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने के लिए जीपीएस युक्त ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने के लिए ड्रोन को आठ बार सीमा पार से भेजा गया था। जांच में साफ हुआ कि खेपों को अगस्त और सितंबर 2019 के महीने में 5 दिनों में ड्रोन के माध्यम से भेजा गया था। यह खेप आरोपी आकाशदीप सिंह, सुभदीप सिंह, सजप्रीत सिंह और रोमनदीप सिंह ने हासिल की थी।

दस किलो तक वजन उठा सकता था ड्रोन
ड्रोन एक बार में 10 किलो तक वजन उठा सकता थे। पांच एके-47 राइफल, 16 मैगजीन और 472 राउंड गोला बारूद, चार चीन निर्मित .30 बोर पिस्तौल, आठ मैगजीन और 72 राउंड गोला बारूद के साथ, नौ हैंड ग्रेनेड, उनके सहायक उपकरण के साथ पांच सेटेलाइट फोन, दो मोबाइल फोन, दो वायरलेस सेट और 10 लाख रुपये के अंकित मूल्य वाली नकली मुद्रा जब्त की गई थी।

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