आज कैबिनेट बैठक मे मेधावियों को लैपटॉप देने पर होगा फैसला

आज कैबिनेट बैठक मे मेधावियों को लैपटॉप देने पर होगा फैसला

शिमला
प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले दस हजार मेधावियों को दिए जाने वाले लैपटॉप का भविष्य सोमवार को तय होगा। सरकार से 25 लाख रुपये का अतिरिक्त बजट न मिला तो शैक्षणिक सत्र 2019-20 के मेधावियों को लैपटॉप नहीं मिलेंगे। उपलब्ध बजट से शिक्षा विभाग ने स्मार्ट मोबाइल फोन देने का प्रस्ताव भी तैयार किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले को लेकर चर्चा होना प्रस्तावित है।

शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2019-20 की खरीद के लिए 25 लाख रुपये का अतिरिक्त बजट देने की मांग की थी। योजना विभाग ने उपलब्ध 50 करोड़ बजट से ही खरीद प्रक्रिया पूरी करने को कहते हुए अतिरिक्त बजट देने से इंकार कर दिया है। शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 के बीस हजार मेधावियों को लैपटॉप दिए जाने हैं। दो शैक्षणिक सत्रों के मेधावियों के लिए 50 करोड़ के बजट से लैपटॉप की खरीद मुमकिन नहीं है। इसके चलते शिक्षा विभाग ने योजना विभाग को पत्र लिखकर 25 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि देने की मांग की थी। योजना विभाग की ओर से कहा गया है कि इस खरीद के लिए अतिरिक्त बजट नहीं दिया जा सकता है।

शिक्षा विभाग लैपटॉप को कम दाम पर खरीदने का फैसला ले सकता है। इसके लिए लैपटॉप की कॉन्फिग्रेशन को भी कम किया जा सकता है। जिन आयु वर्ग के विद्यार्थियों को लैपटॉप दिए जाने हैं, उनकी जरूरत अनुसार लैपटॉप की गुणवत्ता तय की जा सकती है। योजना विभाग ने इस मामले को लेकर अंतिम फैसला लेने के लिए शिक्षा विभाग को अधिकृत किया है। ऐसे में सोमवार को कैबिनेट बैठक में इस मामले को लाया जा रहा है।

धूमल सरकार की योजना को आगे नहीं बढ़ा सके जयराम
प्रो. प्रेमकुमार धूमल की सरकार के समय प्रदेश में लैपटॉप वितरण योजना शुरू हुई थी। सत्ता में आने के बाद से जयराम सरकार इस योजना को आगे नहीं बढ़ा सकी। लैपटॉप खरीद का मामला जयराम सरकार के सत्ता में आने के बाद से विवाद में चल रहा है। ऐसे में शैक्षणिक सत्र 2020-21 से इस योजना को बंद कर स्मार्ट मोबाइल फोन देने का फैसला लिया गया है। पुराने मेधावियों के लिए भी बजट का पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के चलते इन्हें भी लैपटॉप की जगह मोबाइल फोन देने का प्रस्ताव है।

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