असुविधा का आलम : तीन युद्ध लड़ने वाले बीमार पूर्व सैनिक को पीठ पर उठाकर बेटे ने पहुंचाया सड़क तक

असुविधा का आलम : तीन युद्ध लड़ने वाले बीमार पूर्व सैनिक को पीठ पर उठाकर बेटे ने पहुंचाया सड़क तक

हमीरपुर
विधि सिंह ने 1962 में चीन के साथ, 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में हिस्सा लिया। देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन खोरड़ गांव सड़क सुविधा से महरूम है।

देश के लिए 1962, 1965 और 1971 की लड़ाई लड़ने वाले गलोड़ तहसील के खोरड़ गांव के 85 वर्षीय पूर्व सैनिक को सड़क सुविधा के अभाव में पीठ पर उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा। पूर्व सैनिक विधि सिंह को आधी रात को पेशाब रुकने की तकलीफ और पेट में तेज दर्द उठा। गांव में सड़क सुविधा नहीं है। बेटे दीपक ने उन्हें पीठ पर उठाया और करीब आधा किलोमीटर पैदल चढ़ाई चढ़कर उन्हें मुख्य सड़क तक पहुंचाया। इसके बाद गाड़ी में अस्पताल लेकर गए।

विधि सिंह ने 1962 में चीन के साथ, 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में हिस्सा लिया। देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन खोरड़ गांव सड़क सुविधा से महरूम है। विधि सिंह और उनकी पत्नी रोशनी देवी ने कहा कि गांव के लिए पंचायत के जरिये एंबुलेंस रोड निकल रहा था। पैसा भी आ गया था। मार्च में वे इसके लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और डीसी देवश्वेता बनिक से मिले थे। प्रशासन निशानदेही भी दे गया, लेकिन गांव के एक परिवार ने कोर्ट और सेटलमेंट विभाग में केस दायर कर दिया है। इस परिवार ने 2008 और 2012 में भी सड़क नहीं निकलने दी।

131 नंबर सरकारी रास्ता है, उसमें भी सड़क निकलने नहीं दे रहे। मनरेगा में साढ़े चार लाख रुपये की राशि एंबुलेंस रोड के लिए स्वीकृत हुई थी। मामला कोर्ट और सेटलमेंट विभाग में होने से 31 मार्च को बजट लैप्स हो गया। गांव के पूर्व सैनिकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से सड़क निकलवाने की गुहार लगवाई है। इस संबंध में बीडीओ आकांक्षा शर्मा ने बताया कि वह मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगी और प्राथमिकता के आधार पर मामले को लिया जाएगा।

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