अधिकारी और कर्मचारी,लोकायुक्त को बिना बताए पैसा उधार भी नहीं दे पाएंगे

शिमला
प्रतीकात्मक तस्वीर
अब अधिकारी और कर्मचारी लोकायुक्त को बिना बताए किसी दूसरे व्यक्ति को भी पैसा भी नहीं दे सकेंगे। अफसरों तथा कर्मचारियों को अब अगर कोई नया कार्य करना है तो इसकी सूचना लोकायुक्त को देना अनिवार्य किया गया है।

आश्रितों की संपत्ति का ब्योरा और शेयर मार्केट में पैसा लगाने से लेकर फ्लैट, जमीन खरीदने की सूचना भी लोकायुक्त को देनी पड़ेगी। अगर अफसर और कर्मचारी यह जानकारी छुपाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी। वर्ष 1983 के बाद पहली बार संशोधन कर लोकायुक्त के नए नियमों में यह प्रावधान किए गए हैं।

नए नियमों के मुताबिक अधिकारियों और कर्मचारियों को बैंक खाता संख्या, डाकघर खाता और पॉलिसी तक की सूचना आयोग को देनी होगी। कितनी जमीन उपजाऊ है और इससे सालाना कितनी फसल की पैदावार होने के साथ बंजर जमीन की जानकारी भी लोकायुक्त को देनी पड़ेगी।

जब भी अधिकारी और कर्मचारी भवन का निर्माण करेंगे, इसके लिए बैंक से कर्ज और किसी दूसरे व्यक्ति से ब्याज पर पैसा लेने की जानकारी भी लोकायुक्त से साझा करनी होगी। ऐसा न करने पर अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

शिकायतकर्ता को भी देना पड़ेगा शपथपत्र

अगर कोई व्यक्ति किसी की शिकायत करता है तो उसे शपथपत्र भी देना होगा। अगर गलत शिकायत की जाती है तो शिकायतकर्ता पर नए नियमों में कार्रवाई किए जाने का प्रावधान किया गया है।

आठ महीने से सचिवालय में धूल फांक रही लोकायुक्त की फाइल
सरकार ने भले ही लोकायुक्त के पुराने नियमों में संशोधन कर नए नियम अधिसूचित कर दिए हों, लेकिन अभी लोकायुक्त की तैनाती नहीं की गई है। सचिवालय में करीब 8 महीने से लोकायुक्त की फाइल इधर से उधर घूम रही है। इसमें उचित निर्णय नहीं लिया जा रहा है।

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