बंजार (कुल्लू)। जैव विविधता के संरक्षण के लिए विकसित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को विदेशीकरण से बचाने के लिए बंजार के लोगों ने मुहिम शुरू कर दी है। लोगों का कहना है कि पार्क की संपदा को विदेशियों के हाथ में नहीं जाने दिया जाएगा। बंजार के पूर्व विधायक दिले राम शबाव ने सराज पर्यावरण संरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले जनता के सहयोग से इस धरोहर को बचाने की मुहिम छेड़ दी है।
पूर्व विधायक दिले राम ने बताया कि ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को विदेशियों के हाथों में दिया जा रहा है। इसका भरपूर विरोध किया जाएगा और नेशनल पार्क के साथ लगती 13 पंचायतों के 160 गांवों के ग्रामीण तथा जन प्रतिनिधि लामबंद होकर सड़कों में उतरेंगे। संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सयुंक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनेस्को और नेशनल पार्क प्रबंधन विश्व धरोहर घोषित करने से पूर्व पार्क से संबंधित खामियों को दूर नहीं करती। नेशनल पार्क को विश्व धरोहर बनाने का स्वागत है, लेकिन नेशनल पार्क एक लोक पार्क बने तथा पार्क का प्रबंधन स्थानीय लोगों के हाथों में होना चाहिए। हिमालयन नीति के संयोजक गुमान सिंह ने कहा कि 30 नवंबर 2012 को उन्होंने उपरोक्त विश्व पर यूनेस्को के विषेशज्ञों को पत्र लिखकर लोगों के वनाधिकार के प्रश्न उठाए हैं। वन अधिकार 2006 पूरे देश में लागू हो चुका है और हमारे वन अधिकारों को संवैधानिक दर्जा मिल चुका है। मसले को लेकर सराज पर्यावरण संरक्षण संघर्ष समिति ने पांच सूत्रीय मांगपत्र नेशनल पार्क को विश्व धरोहर बनाने के संदर्भ में तैयार किया है।