विकास कराने में अफसर लापरवाह!

रामपुर बुशहर। मनरेगा के तहत दो वर्ष में रामपुर के लिए करीब आठ करोड़ रुपये विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च करने के लिए मंजूर हैं, लेकिन लाइन विभाग के अधिकारियों का सुस्त रवैया आम लोगों की भावनाओं पर भारी पड़ रहा है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि ग्राम पंचायतों की ओर से विकास कार्यों के प्रस्ताव न आए हों। बीडीओ ऑफिस के रिकार्ड पर गौर करें तो रामपुर की कोई ऐसी पंचायत नहीं है, जहां से विकास कार्यों के लिए दर्जनों प्रस्ताव न आए हों। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2011-12 के लिए विभिन्न विकास योजनाओं के लिए 7 करोड़ 44 लाख रुपये मंजूर किए गए थे। जबकि, वर्ष 2012-2013 के लिए 22 लाख रुपये विकास कार्यों के लिए मंजूर किए गए हैं। लेकिन, हैरत है कि की विभिन्न विभागों के लाइन अधिकारी इस राशि में से केवल 16.76 लाख रुपये ही खर्च कर पाए हैं। हैरत की बात तो यह है कि विभागी कार्य के लिए बनाई गई 14 नोडल एजेंसियों में केवल सात ही काम कर रही हैं। इधर, लाइन विभाग के अधिकारियों के इस रवैये से विभिन्न विभागों के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी कई सवाल खड़े हुए हैं। आखिर क्यों विभागों के अधिकारी विकास करवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं? इसके बारे में बीडीओ रामपुर सितेंद्र ठाकुर का कहना है कि विभिन्न विभागों के अधिकारी काम में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके चलते मनरेगा के तहत चल रहे विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं।

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