क्या घोषणा से धरातल पर आएगा नगर निगम

ड़की। कुछ माह पहले मुख्यमंत्री ने रुड़की के लिए कई लोक-लुभावनी घोषणाएं की थीं। इन घोषणाओं का अभी तक जो हश्र हुआ है, उसे देखते हुए शहरवासी आश्वस्त नहीं हो पा रहे हैं कि नगर निगम बनाने जैसी महायोजना धरातल पर उतर सकेगी। मुख्यमंत्री ने तब जितनी भी घोषणाएं की थीं, उनमें एक भी परवान नहीं चढ़ पाई है। ध्वस्त हुए लोहे के पुल की जगह कंक्रीट के पुल का निर्माण शुरू नहीं हो पाने से भी लोगों में निराशा है।
मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने विगत 12 मई को रुड़की को कई अहम सौगात घोषणाआें के रूप में दी थी। लेकिन इन घोषणाओं पर जिस कछुआ गति से काम हो रहा है, उससे नगर निगम का सपना साकार होना अभी दूर की बात लग रहा है। नगर निगम की घोषणा के बाद रुड़की की जनता उत्साहित तो है लेकिन उनके मन में संशय भी है। स्थानीय भाजपा नेता भी राजनीतिक लाभ की दृष्टि से निगम की घोषणा का स्वागत तो कर रहे हैं, लेकिन साथ ही इस बात को भी उठा रहे हैं कि कांग्रेस शासन में फाइलें रेंगकर चलती हैं। ऐसे में निगम जैसी महायोजना को धरातल पर लाना आसान नहीं है।

क्या थीं घोषणाएं
– गंगनहर पर लोहे की जगह कंक्रीट का पुल
– सीवर लाइन के लिए रुका पैसा रिलीज कराना
– नई पेयजल लाइनों का प्रस्ताव तैयार करना
– जाम से निजात को चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें
– सिविल अस्पताल का आधुनिकीकरण
– गंगनहर पटरी का होगा सुंदरीकरण

क्या हुआ हश्र
पुल का अभी डिजाइन ही नहीं बना
गंगनहर पर चंद्रशेखर चौक और बीटी गंज को जोड़ने के लिए बने रहे लोहे के पुल के टूटने के बाद सीएम ने क्रंकीट का बड़ा पुल बनाने की घोषणा की थी। लोक निर्माण विभाग अभी तक इसका डिजाइन ही तैयार नहीं करवा सका है। लोनिवि के सहायक अभियंता चंद्रशेखर कौशिक का कहना है कि आईआईटी से इसका डिजायन तैयार करवाना है। डिजायन करवाने के लिए नौ लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। डिजायन बनने के बाद पुल निर्माण के लिए चार करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा जाएगा।

बदहाल है गंगनहर पटरी
शहर की शान गंगनहर है लेकिन इसकी पटरी बदहाल बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने इसके सुंदरीकरण की घोषणा की गई थी। गंगनहर की पटरी पर उगी झाड़ियां और यहां पड़े कचरे से घूमने के लिए आने वालों को निराश होना पड़ता है। गंगनहर के किनारे बने पार्क भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं।

चौराहे अतिक्रमण की जद में
शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने और ट्रैफिक लाइट लगाने की भी घोषणा की गई थी। वर्तमान में शहर के ज्यादातर चौराहे बदहाल और अतिक्रमण की जद में हैं। बिना चौड़ीकरण और विस्तार के ट्रैफिक लाइट लगाने का कोई फायदा नहीं। जब चौराहों का चौड़ीकरण ही नहीं हो सका तो ट्रैफिक लाइट लगने की उम्मीद करना बेकार है।

पेयजल और सीवर लाइनों पर भी कोई काम नहीं
शहर में सीवर और पेयजल लाइनों के विस्तार की भी घोषणा हुई। यह योजना भी अब तक परवान नहीं चढ़ पाई है। जल संस्थान के सहायक अभियंता अशोक कुमार का कहना है कि विभाग की तरफ से इस मामले अभी कोई काम नहीं किया गया। उनका कहना है कि यह काम एडीबी के तहत होने हैं। यह काम कब होगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

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