मौत से जंग लड़कर रोहतांग से निकल आया शिक्षक

केलांग। शून्य से बीस डिग्री नीचे लुढ़क चुके तापमान के बीच एक शिक्षक रात गुजारकर सुरक्षित मंजिल तक पहुंच गया। शिक्षक के इस हौसले की हर कोई तारीफ कर रहा है। रोहतांग दर्रे पर बर्फीले तूफान में फंसा शिक्षक रातभर यहां भटकता रहा।
महाराष्ट्र के रहने वाले संजय केंद्रीय विद्यालय केलांग में बतौर पर्यावरण विषय के टीचर हैं। जनजातीय क्षेत्रों के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू न होने के कारण वह पैदल ही रोहतांग दर्रे से होकर मनाली के लिए रवाना हुए थे। इस दौरान तीन लोग और उनके साथ थे। कोकसर स्थित बचाव चौकी के प्रभारी लुदर सिंह ने बताया कि चार लोग दोपहर बाद करीब तीन बजे कोसकर से डोहनी मोढ़ के लिए रवाना हुए थे। इन लोगों ने पैदल रोहतांग दर्रे की चढ़ाई शुरू की। रोहतांग में तेज बर्फीली हवाएं चलने से यह लोग भटक गए। तीन लोग सुरक्षित मढ़ी बचाव चौकी पहुंच गए लेकिन संजय इस बीच लापता हो गया। इसकी सूचना उन्होंने बचाव चौकी में दी। रविवार सुबह कोकसर और मढ़ी में तैनात बचाव चौकी के सुरक्षा कर्मियों ने लापता शख्स की तलाश शुरू की। लेकिन दूसरी तरफ रोहतांग दर्रा में रात गुजारने के बाद संजय ने मढ़ी की तरफ कूच कर दिया और सुरक्षित वहां पहुंच गए।
डीएसपी केलांग तेजिंद्र वर्मा ने बताया कि संजय को रविवार शाम सुरक्षित मनाली पहुंचा दिया है। इस घटना के बाद लोगाें ने राज्यपाल और मुख्यसचिव से तत्काल हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने की मांग की है।

हेलीकाप्टर सेवा शुरू कर सरकार
लाहौल पंचायत प्रधान संघ के अध्यक्ष वीर सिंह, जिप सदस्य रिगजिन समफेल हायरपा, शशि किरण, ब्लाक समिति सदस्य नोरबू थोलगपा समेत केलांग निवासी दोरजे वाटा और पंचायत प्रधान ज्ञलसन ठाकुर ने जल्द हवाई सेवा शुरू करने की मांग की है। कहा कि हेलीकाप्टर सेवा को शुरू नहीं किया तो आने वाले दिनों इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।

ब्यास कुंड में गुजारी कड़ाके की रात
पुलिस के मुताबिक संजय बर्फीले तूफान के बीच रोहतांग दर्रा में करीब 12 घंटे तक मौत और जिंदगी से जंग लड़ता रहा। रोहतांग दर्रे पर ही संजय ने ब्यास कुंड में रात गुजारी। शून्य से करीब बीस डिग्री नीचे लुढ़क चुके तापमान और बर्फीली हवाओं के बीच रात गुजारने के बाद यह शख्स रविवार सुबह सुरक्षित मढ़ी स्थित बचाव चौकी पहुंचा।

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