
बिहार सरकार शहरों के लिए जल्द ही मास्टर प्लान बनवाने जा रही है। अभी करीब 9-10 शहरों का मास्टर प्लान तैयार है। बिना योजनापूर्ण तरीके के बिना बस रहे शहरों पर रोक के लिये मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
‘बिहार अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट बिल’ के आलोक में इनमें थोड़ा संशोधन होना है। ‘लैंड यूज’ का कायदे से प्रावधान होना है। अगले तीस साल तक शहर पर आबादी के बढ़ने वाले दबाव और सुविधाओं का आकलन करते हुए मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जाना है।
मास्टर प्लान को अर्बन प्लानिंग बोर्ड से मंजूरी और कैबिनेट की स्वीकृति ली जायेगी। इसके बाद दो महिने के लिए इसे जनता से सुझाव और आपत्ति के लिए सार्वजनिक किया जायेगा। उसके बाद अंतिम रूप देते हुये इसे लागू किया जायेगा। इस विधेयक को बीते विधानमंडल सत्र में मंजूरी दी गई है। इसी माह इसके अधीन योजनाओं की मंजूरी के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में 20-22 विभागीय सचिवों की अध्यक्षता में प्लानिंग बोर्ड का गठन किया जाना है।
मास्टर प्लान के अधीन औद्योगिक, व्यावसायिक, खुली जगह, वाटर बडी, अर्बन एग्रीकल्चर, ट्रांसपोर्ट एंड कम्युनिकेशन, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए मुकम्मल प्रावधान रहेगा। इलाका चिह्न्ति रहेगा। साथ ही जलापूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, कचरा प्रबंधन, रोशनी व मूलभूत नागरिक सुविधाओं की व्यवस्था रहेगी। नगर विकास मंत्री के अनुसार पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया, बिहारशरीफ, छपरा, राजगीर सहित 9 शहरों का मास्टर प्लान तैयार है। बोधगया का पहले ही बन चुका है।