पांच साल में पिल्लर भी पूरे नहीं

ऊना। हाईवे निर्माण में लगी चीनी कंपनी की कछुआ चाल लोगों के जीवन पर संकट बनकर मंडरा रही है। पिछले पांच साल से नंगल रोड पर निर्माणाधीन पुल का काम अधर में लटका हुआ है। जिससे क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ बने पुराने तंग पुल से ही रोजाना दोनों तरफ की ट्रैफिक गुजर रही है, जिससे इस पुल से गुजरना किसी खतरे से खाली नहीं है। इस पुल से होकर रोजाना हजारों छात्र अपने-अपने शैक्षणिक संस्थानों में पहुंच रहे हैं। तंग पुल और ऊपर से दोनों साइड ट्रैफिक के चलते पैदल राहगीर को पैर रखने तक जगह नहीं मिल पाती। अब तक इस स्थान पर आधा दर्जन स्कूली बच्चों समेत दर्जनभर से अधिक लोग काल का ग्रास बन चुके हैं। बावजूद इसके प्रशासन छात्रों एवं लोगों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठा पाया है। पांच वर्ष पूर्व नंगल रोड पर हाईवे निर्माण में जुटी चीनी कंपनी ने पुल का निर्माण करना शुरू किया था। हैरत की बात है कि कंपनी पांच साल में पुल तो दूर पिल्लर तक सही ढंग से खड़े नहीं कर पाई है। जिससे लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों में प्रवीण कुमार, जसवीर कुमार, रमन शर्मा, प्रियंका, नेहा शर्मा, शैलजा शर्मा, कुलविंद्र कौर, अनामिका, शालिनी शर्मा ने बताया कि नंगल रोड पर बने पुल से होकर गुजरना किसी खतरे से खाली नहीं है। छात्रों का कहना है कि हाईवे निर्माण का काम काफी धीमा चल रहा है। जिससे रोजाना उन्हें दिक्कतें पेश आ रही हैं। फुटपाथ न होने के चलते राहगीरों के लिए हर समय खतरा बना रहता है।
उधर, स्टेट रोड प्रोजेक्ट के अधिशासी अभियंता एसएस कुटलैहड़िया ने बताया कि रोड प्रोजेक्ट का कार्य जारी है। चीनी कंपनी ने भी अपने कार्य में तेजी लाई है। जल्द ही इसे पूरा कर लोगों को सुविधा दी जाएगी।

छात्र उमेश ने गंवाई थी जान
नंगल रोड पर कंपनी की खामियों के चलते दो वर्ष पूर्व कालेज में बीए प्रथम वर्ष के छात्र उमेश ने जान गंवाई थी। छुट्टी होने के बाद रोजाना की तरह उमेश घर को बस पकड़ने के लिए अड्डे पर जा रहा था। भारी ट्रैफिक के बीच साथ चल रहे छात्रों को बचाने के चक्कर में पीछे से आ रहे एक ट्रक ने उसे ही कुचल डाला था।

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