
कसया। राज्य मानव अधिकार आयोग की दो सदस्यीय टीम ने बृहस्पतिवार को कसया थाने का निरीक्षण किया। आयोग के अपर पुलिस महानिदेशक मानवाधिकार वीके गुप्ता और सदस्य हाईकोर्ट के पूर्व जज विष्णु सहाय ने निरीक्षण के बाद माना कि स्थिति संतोषजनक नहीं है।
सुबह 10 बजे थाने पहुचीं टीम ने सबसे पहले अभिलेखों के रखरखाव की स्थिति जानी। टीम के सदस्यों ने थाने का सम्पति रजिस्टर और गिरफ्तारी रजिस्टर न होने पर असंतोष जाहिर किया। आखिरी गिरफ्तारी का ब्योरा पूछे जाने पर पुलिसकर्मी संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। टीम ने बंदीगृह, बैरक, मालखाना, भोजनालय, आवास, शौचालय, एसओ आफिस आदि को भी देखा। हालांकि, निरीक्षण की सूचना पर पुलिसकर्मियों ने बंदीगृह, भोजनालय और थाना परिसर की साफ-सफाई कर चमकाने का प्रयास किया था। टीम ने मालखाने में जब्त सामान और वाहनों की नीलामी की भी स्थिति जाननी चाही। इस पर एसओ उन्हें संतुष्ट नहीं कर सके। एसडीएम मुरलीधर मिश्र ने टीम को कुछ दिन पूर्व अपनी निगरानी में कराई गई वाहनों की नीलामी और नीलामी प्रक्रिया की जानकारी दी। जाते-जाते आयोग के सदस्यों ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कुशीनगर की पब्लिक अथारिटी को संवेदनशील बनाने के लिए सरप्राइज विजिट किया गया है। दरअसल, वे लोग गोरखपुर में एक कार्यशाला में भाग लेने आये थे। टीम के सदस्यों ने कहा कि थाने की हालत ठीक नहीं है। विशेषकर प्रदूषण और स्वच्छता की समस्या है। बैरक जैसा होना चाहिए वैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि जब पुलिस के लोग ही स्वस्थ नहीं रहेंगे तो समाज का भला कैसे कर पाएंगे। इसकी रिपोर्ट सरकार को देने की बात कही गयी। कुशीनगर के पुरातात्विक महत्व के स्थानों का भ्रमण करने के बाद टीम के सदस्य लखनऊ लौट गये।