नई दिल्ली। उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद से हटाए गए सुखदेव सिंह नामधारी ने जिस लाइसेंसी पिस्टल से हरदीप चड्ढा पर फायरिंग की थी उसका लाइसेंस दिल्ली में मान्य नहीं था। नामधारी ने इस पिस्टल का लाइसेंस यूपी से लिया था और वह यूपी, पंजाब, उत्तराखंड व हरियाणा सहित पांच राज्यों के लिए मान्य था। ऐसे में नामधारी के खिलाफ अवैध हथियार रखने का मामला भी दर्ज होगा। अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि पिस्टल तो बरामद कर ली गई है, लेकिन नामधारी ने लाइसेंस को छिपा दिया है। पुलिस लाइसेंस तलाशने में जुटी है। जांच में यह भी पता चला है कि पोंटी नहीं चाहते थे कि हरदीप को नामधारी के दिल्ली आने की भनक लगे। पोंटी ने 16 नवंबर को नामधारी को फोन किया तो कहा था कि वह अपनी गाड़ी को उसके घर वाले फार्महाउस तक न लाएं और पिछले दरवाजे से अंदर आएं। जब नामधारी फार्महाउस पहुंचे तो उन्होंने अपनी गाड़ी काफी पहले छोड़ दी थी। इसके अलावा चड्ढा बंधुओं की हत्या के समय मौजूद लोगों में से नौ लोगों के हैंडवॉश (गन शॉट रेसिड्यू टेस्ट के लिए) कराए गए हैं। इनमें पंजाब पुलिस के तीन पीएसओ, नामधारी, सचिन आदि लोग शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, रिपोर्ट आने के बाद पता लगेगा कि मौके पर मौजूद लोगों में से किस-किस ने गोली चलाई थी। पुलिस का यह भी कहना है कि नामधारी के कई रिश्तेदार भी फार्महाउस पर कब्जा करने में शामिल थे।
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