चरस तस्कर को दो वर्ष का कारावास

बिलासपुर/ घुमारवीं। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की अदालत ने मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए दो वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अभियुक्त को दो माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। वहीं, घुमारवीं के न्यायिक दंडाधिकारी विशाल भमनौत्रा की अदालत ने अवैध शराब के एक मामले में आरोप सिद्ध होने पर दोषी को एक वर्ष की कैद और दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
जिला न्यायवादी शमशेर सिंह कौशल ने बताया कि 15 नवंबर 2008 को एएसआई लेखराम, कृष्ण चंद, हेड कांस्टेबल हेमराज और प्रदीप सिंह घागस-कुड्डी-भराथू सड़क पर पेट्रोलिंग पर थे। शाम करीब साढ़े पांच बजे उन्होंने दो लोगों को देखा। हरकतों पर संदेह होने पर उनकी तलाशी ली गई। तलाशी में कांगड़ा के गुनेहड़ (बीड़) निवासी प्यारेलाल के कब्जे से 600 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में इस मामले में 12 गवाह पेश किए गए। अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर प्यारेलाल को अभियुक्त करार देते हुए कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। उसके साथी योगेश कुमार को संदेह के लाभ में बरी कर दिया गया।
उधर, घुमारवीं के न्यायिक दंडाधिकारी विशाल भमनौत्रा की अदालत ने अवैध शराब की तस्करी के मामले में सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता सुरेश ठाकुर ने बताया कि 23 अप्रैल 2003 को औहर निवासी विनोद कुमार अपने गांव में ट्रक से शराब उतार रहा था। एक सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची घुमारवीं पुलिस ने विनोद की दुकान से अवैध शराब की 252 पेटियां बरामद की। पुलिस ने आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 11 गवाह पेश किए गए। अदालत ने विनोद को अभियुक्त करार देते हुए यह सजा सुनाई है।

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