चरस के शिकंजे में स्कूली छात्र

पालमपुर (कांगड़ा)। उपमंडल पालमपुर के थुरल इलाके में शुक्रवार को स्कूली छात्रों को चरस सप्लाई करने के सौदागर की गिरफ्तारी से कई सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं, कल के भविष्य के प्रति लोग चिंतित हो गए हैं। चिंता स्वाभाविक भी है। बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि अगर इस नशे को न रोका गया तो यह काफी खतरनाक हो सकता है।
स्कूली छात्रों को चरस सप्लाई कर रहे नशे के सौदागर की गिरफ्तारी से साफ हो गया है कि अब ग्रामीण स्कूलों में भी चरस की गंध पहुंच चुकी है और छात्र नशे की चपेट में आ चुके हैं। लेकिन हैरानी इस बात है कि इस मीठे जहर की लत की गिरफ्त में आ चुके इन छात्रों की हरकतों का पता न तो गुरुजनों को था और न ही उनके अभिभावकों को। थुरल में नशा कर रहे स्कूली छात्रों से अब पुख्ता हो गया है कि नशा स्कूली छात्रों को भी अपनी गिरफ्त में ले चुका है, जो समाज के लिए घातक है। अति गोपनीय तरीके से स्कूली छात्रों को सप्लाई किए जा रहे इस नशे की भनक आज तक किसी को नहीं थी। लेकिन थुरल पुलिस ने नशे के सौदागर को गिरफ्तार कर इस नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश की है।
इससे पहले भी थुरल इलाके में स्कूली छात्र फ्लयूड (सफेद स्याही) का नशा करते पकडे़ गए थे। एडवोकेट जगमेल कटोच, एडवोकेट हिमांशु मिश्रा और कवि सुदर्शन भाटिया का कहना है कि बच्चा कितना भी बड़ा हो जाए, अभिभावकों को उस पर नजर रखनी होगी। उधर, डीएसपी मनमोहन सिंह ने कहा कि पुलिस नशे के सौदागरों पर नजर रखे हुए है। लेकिन साथ ही इस पर अभिभावकों को भी अपने बच्चों पर नजर रखनी होगी।

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