
शिमला : एसएफआई ने शुक्रवार को प्रदेश भर के कालेजों में धरना-प्रदर्शन किया। संगठन ने राज्य कमेटी के आह्वान पर महाविद्यालयों में विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। परीक्षा फार्म की कीमत वृद्धि के चलते संगठन ने प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और कीमत वृद्धि का फैसला तुरंत वापस लेने की मांग की। संगठन के राज्य उपाध्यक्ष दिनेश कायथ का कहना है कि प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में एसएफआई ने किसी छात्र विरोधी निर्णय का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्र विरोधी निर्णय ले रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो इसके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।
राज्य सह सचिव बाबू राम का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन सोची-समझी साजिश के तहत इस तरह के फैसले ले रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि छात्र विरोधी फैसले इसलिए लिए जा रहे हैं ताकि छात्र सरकारी शिक्षण संस्थानों में न पढ़ सकें और निजी विश्वविद्यालय प्रदेश में फलफूल सकें जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुलपति ने यदि फीस वृद्धि का निर्णय वापस नहीं लिया तो एसएफआई पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी और इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार होगा।