अब डाक्टरों की प्रिसक्रिप्शन का होगा आडिट

शिमला। दवा के खेल पर ब्रेक लगाने के लिए अब मरीज की पर्ची पर लिखी गई प्रिसक्रिप्शन के आडिट करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य महकमे ने शुक्रवार को सभी सीएमओ को लिखित में यह निर्देश दिए। सीएमओ इसका आडिट करेंगे और इसकी रिपोर्ट प्रत्येक 45 दिन में निदेशालय को सौंपेंगे। सीएमओ को अपनी रिपोर्ट में यह भी बताना होगा कि उन्होंने कितनी पर्चियों में डाक्टरों की प्रिसक्रिप्शन गलत पाई और कितने डाक्टरों को नोटिस जारी किया।
जेनरिक, ब्रांडेड और कीमती दवाओं को लेकर शुरू इस दंगल पर अंकुश लगाने के लिए यह कार्रवाई की गई है। इसमें वह डाक्टर जांच के दायरे में आएंगे जो मरीजों को जरूरत से ज्यादा दवाएं या टेस्ट पर्ची पर लिख देते हैं। आम मरीज को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं रहती। इनमें मरीज का काफी पैसा खर्च हो जाता है। इस चक्रव्यूह में मरीज पिस कर रह जाता है। स्वास्थ्य महकमे का दावा है कि इस व्यवस्था के लागू होने से उन डाक्टरों की निगरानी आसानी से हो पाएगी जो अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए मरीजों से खिलवाड़ कर रहे हैं।

इन बिंदुओं पर होगा पर्ची का आडिट
– पर्ची पर लिखी गई दवा कीमती तो नहीं?
– कीमती एंटी बायटेक लिखने के पीछे कारण?
– दो-दो एंटी बायटेक या दो-दो पेन किलर ?
– जरूरत न होने पर विटामिन क्यों लिख दिया?
– टेस्ट की जरूरत ही नहीं थी तो क्यों लिख दिए?
– इंजेक्शन को लिखने का कारण?
– जो टेस्ट अस्पताल में मौजूद हैं, उन्हें बाहर से क्यों लिख दिया?

45 दिन में सीएमओ देेंगे रिपोर्ट : स्वास्थ्य निदेशक
स्वास्थ्य निदेशक डा. डीएस चंदेल ने कहा कि सभी सीएमओ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे खुद डाक्टरों की प्रिसक्रिप्शन का आडिट करेंगे। पहली मर्तबा यह व्यवस्था लागू की जा रही है। कितने डाक्टरों की प्रिसक्रिप्शन गलत पाई जाती है, इसकी रिपोर्ट प्रत्येक 45 दिन में सीएमओ निदेशालय को सौंपेंगे।

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