इससे पहले, सोमवार को याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, अगर किसी को एक फरवरी को फांसी दी जाने वाली है, तो याचिका पर तुरंत सुनवाई की जरूरत है। इससे जरूरी कुछ नहीं होता।
पीठ ने मुकेश के वकील को रजिस्ट्री के पास याचिका का उल्लेख करने को कहा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी। शनिवार को उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी।
पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को एक फरवरी सुबह छह बजे फांसी पर लटकाने का डेथ वारंट जारी किया है। मुकेश और अक्षय कुमार सिंह ने क्यूरेटिव याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। वहीं, पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने अभी क्यूरेटिव याचिका दायर नहीं की है।
दोषी के पिता की याचिका खारिज
ऐसे में याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए जज एके जैन ने अंतत: इसे भी खारिज कर दिया। बता दें कि हीरा लाल ने गवाह और निर्भया के दोस्त पर पैसे लेकर चैनलों को इंटरव्यू देने का आरोप लगाते हुए उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे।
न्यायपालिका पर पूरा भरोसा
फांसी टालने के सभी पैंतरे नाकाम होंगे। मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास है। – निर्भया की मां