टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सात देशों से भारत आने वाले विदेशी छात्रों का आंकड़ा जारी किया। गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ो के मुताबिक यूएस, जर्मनी, फ्रांस, साउथ कोरिया, आस्ट्रेलिया, चीन और सिंगापुर से आने वाले छात्रों की संख्या में 73 फीसदी की गिरावट आई है।
गृह मंत्रालय ने बताया कि 2003 में 13,961 छात्र भारत आए। वहीं यह आंकड़ा 2014 में घटकर 3,737 हो गया। गृह मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2012 में 2013 के मुकाबले छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ। आकंडों के मुताबिक 2012 में 12,424 छात्र भारत आए।
भारत की बुरी छवि हो सकता कारण
आईआईएससी की चेयरपर्सन उषा विजयराघवन का कहना है कि विदेशी छात्रों की संख्या में गिरावट का प्रमुख कारण भारत की खराब छवि का प्रचार हो सकता है। उनका कहना है कि छात्रों को आकर्षित करने के लिए विदेशी यूनिवर्सिटीज से संपर्क किया जा रहा है।
विदेशी यूनिवर्सिटीज के सहयोग के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। उधर जानकारों की मानें तो विदेशी छात्रों की संख्या में आई इस गिरावट की कोई खास वजह बता पाना मुश्किल है। जानकारों का मानना है कि अगर विदेशी छात्रों को आकर्षित करना है तो भारत को अपने शिक्षण संस्थानों की ओर ध्यान देना होगा और शैक्षिक संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार लाना होगा।