शीतकालीन सत्र: पीएम मोदी की अपील, ‘संसद चलने दें’

नई दिल्‍ली
असहिष्णुता और महंगाई पर हो सकती है चर्चा
मोदी सरकार आर्थिक सुधार के अपने सबसे बड़े एजेंडे वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लिए फिलहाल विपक्ष के आगे झुकने को तैयार दिख रही है। यही वजह है कि उसने संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस की ओर से असहिष्णुता पर बहस कराने की मांग मंजूर कर ली है। हालांकि उसने असहिष्णुता से जुड़ी घटनाओं की निंदा करने और इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने की विपक्ष की मांग नामंजूर कर दी है।

इधर, कांग्रेस, जदयू और वाम दलों ने असहिष्णुता के साथ महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद के दोनों सदनों में नोटिस दिया है। राजनीतिक मुद्दों की जबरदस्त गर्मी के बीच बृहस्पतिवार से शीत सत्र का आगाज हो रहा है। इसमें पहले दो दिन विशेष रूप से संविधान और इसके निर्माता भीम राव अंबेडकर को लेकर खास चर्चा होगी। बुधवार को सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विपक्ष से सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की।

बैठक में सरकार ने दादरी कांड पर भी चिंता जाहिर की। बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री वैंकेया नायडू ने बताया कि सरकार असहिष्णुता सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। संसद भवन में हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने बढ़ती महंगाई और असहिष्णुता पर गंभीर चिंता जताई। माकपा के सीताराम येचुरी ने बुद्घिजीवियों की सम्मान वापसी की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि सरकार को संसद में न केवल बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना चाहिए बल्कि असहिष्णुता बढ़ाने वाली दादरी जैसी घटनाओं की निंदा भी करनी चाहिए।

सरकार ने विपक्ष का मांगा सहयोग

सरकार ने विपक्ष का मांगा सहयोग
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, जदयू अध्यक्ष शरद यादव और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने येचुरी की मांग का समर्थन किया। इस पर नायडू ने कहा कि सरकार को किसी भी मुद्दे पर चर्चा से कोई एतराज नहीं है। उन्होंने दादरी जैसी घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि सरकार चाहती है कि सदन चलाने में विपक्ष सहयोग करे।

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विपक्ष से सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार और चुने हुए जनप्रतिनिधि को जनआकांक्षाओं को पूरा करना है। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने भी सदन चलाने के लिए सभी पक्षों का सहयोग मांगा। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे शीत सत्र में सोमवार से औपचारिक रूप से कामकाज शुरू होगा।

बृहस्पतिवार और शुक्रवार को संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के देश निर्माण में योगदान और संविधान को अपनाए जाने की याद में दोनों सदनों की विशेष बैठक होगी। इस दौरान सरकार और विपक्ष की ओर से अंबेडकर केयोगदान पर चर्चा होगी।

राहुल ने दिया सुझाव

राहुल ने दिया सुझाव
वहीं जीएसटी को जल्द से जल्द पास करवाने की कवायद में बीजेपी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी पार्टी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में पूरा भरोसा रखती है। लेकिन सरकार को दर की सीमा तय करने सहित कुछ खास मसलों पर विपक्ष की राय भी लेनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री कांग्रेस पार्टी के नेता का फोन नहीं उठाते और न ही उनसे बातचीत करते हैं।

सरकार इस सत्र में जीएसटी और अन्य आर्थिक समेत कुल 7 नए बिल पेश करेगी। सत्र में तीन अध्यादेशों को कानूनी जामा पहनाया जाएगा और सदन के पटल पर 38 विधायी दस्तावेज रखे जाएंगे। वहीं संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार असहिष्णुता सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि इससे जुड़ी घटनाओं को काबू करने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है।

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