46 करोड़ के रीजनल सेंटर पर तलवार

धर्मपुर (मंडी)। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र की पैहड पंचायत के झरेड़ा गांव में करीब 46 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाले रीजनल सेंटर पर तलवार लटक गई है। केंद्र सरकार से स्वीकृत प्रदेश का यह पहला रीजनल सेंटर स्थापित होना था। जिसमें हिमाचल समेत पांच प्रदेशों के अधिकारियों, नगर पंचायतों, नगर निगमों और नगर परिषदों के चुने प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाना था। स्थानीय लोगों ने शहरी विकास विभाग के नाम जमीन भी कर दी है।
पूर्व भाजपा सरकार के समय केंद्र से झरेड़ा गांव के लिए इस रीजनल सेंटर को मंजूर किया गया। साथ ही सेंटर के लिए जमीन का प्रावधान भी मुफ्त में किया और जमीन शहरी विकास विभाग के नाम करवा दी गई। अब इस सेंटर को प्रदेश सरकार बदलने की तैयारी कर रही है।
पैहड पंचायत की प्रधान इंद्रा देवी, उपप्रधान कृष्ण चंद के अलावा सेंटर के लिए भूमि दान करने वाले बृजलाल, सागर सिंह, वीरी सिंह, शेर सिंह, भाला राम, सुंदर सिंह, कांशी राम, राम सिंह, हेम सिंह, कृष्ण चंद, रूप लाल, धर्मपाल, हंसराज, अमर सिंह, कृष्ण चंद, जवाहर, हरि सिंह, लेखराज, ओम चंद, भूपसिंह, अमर सिंह, बलदेव, शिवदेव, चमनलाल, चेतराम, सोहन सिंह इत्यादि का कहना है कि उन्होंने अपनी जमीन विभाग को दान में दी है। अगर रीजनल सेंटर नहीं खुलता है तो उन्हें जमीन वापस दी जाए।
इधर, शहरी विकास निदेशालय के अधिशाषी अभियंता बीआर डढवाल का कहना है कि झरेड़ा गांव में रीजनल सेंटर के लिए जमीन विभाग के नाम हो गई है, लेकिन यह जमीन साइड में होने की वजह से इसे अन्य जगह ले जाने के लिए फाइल सरकार को भेजी है।

सेंटर का स्थान बदला तो आंदोलन : महेंद्र
विधायक एवं पूर्व शहरी विकास मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि केंद्र सरकार ने रीजनल सेंटर की स्वीकृति झरेड़ा गांव के नाम से दी है। केंद्र की टीम ने सर्वे कर लोगों की ओर से दान में दी जमीन को स्वीकृति प्रदान की थी। अब कैसे नियम बदल गए कि यहां यह रीजनल सेंटर नहीं खुल सकता। अगर सरकार इस रीजनल सेंटर को यहां से बदलती है तो धर्मपुर की जनता सड़कों पर उतर कर विरोध करेगी।

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