हिमालयी क्षेत्रों में भावी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने मेट्रो रेल दौड़ाने के दिखाए मजबूत इरादे

हिमालयी क्षेत्रों में भावी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने मेट्रो रेल दौड़ाने के दिखाए मजबूत इरादे

मंडी
आईआईटी मंडी के एक्सपेक्टो 2022 टेकफेस्ट में एक निजी कंपनी की ओर से तैयार ह्यूमनॉइड रोबोट मुख्य आकर्षण रहा। मोबाइल से काम करने वाला यह रोबोट कला से परिपूर्ण रहा। यह डांस की विभिन्न पाश्चात्य विधाओं को सिखाने में सक्षम है।

आईआईटी मंडी के एक्सपेक्टो 2022 टेकफेस्ट का तीसरा दिन ऊर्जा और उत्साह से भरा रहा। रविवार को मेट्रो इन हिल्स थीम पर आयोजित कार्यक्रम में भावी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने यूरोप की तर्ज पर भारत के हिमालयी क्षेत्रों में मेट्रो रेल दौड़ाने के मजबूत इरादे जाहिर किए। यदि इस तकनीकी सोच में हकीकत के रंग भरे गए तो यह हिमाचल समेत अन्य पहाड़ी राज्यों में यातायात के लिए क्रांतिकारी कदम होगा।
वर्चुअल माध्यम से हुए कार्यक्रम में करीब नौ टीमों ने तकनीकी सोच को टेकफेस्ट में दर्ज कर आधुनिक भारत की तस्वीर को दिखाया। इसका आकलन आईआईटी के शोधार्थियों का पैनल करेगा। यह वैज्ञानिक सोच तर्कसंगत रही तो इस पर आईआईटी मंडी काम करेगा। आईआईटी के निदेशक लक्ष्मी धर बेहरा ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश महान हिमालय की गोद में स्थित है। यह दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत शृंखलाओं में से एक है। इसके असमान भूभाग के कारण, हिमाचल प्रदेश में परिवहन बहुत कठिन है।

हिल्स में मेट्रो का मुख्य उद्देश्य यह विश्लेषण करना था कि मेट्रो को पहाड़ियों पर कैसे लाया जा सकता है, ताकि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में परिवहन को आसान बनाया जा सके। इस आयोजन की अवधारणा अद्वितीय थी और इसने देश भर के इंजीनियरों को आकर्षित किया। सोमवार को इसका समापन होगा।

ह्यूमनॉइड रोबोट डांस के साथ अच्छी आदतें भी सिखाएगा
टेकफेस्ट में एक निजी कंपनी की ओर से तैयार ह्यूमनॉइड रोबोट मुख्य आकर्षण रहा। मोबाइल से काम करने वाला यह रोबोट कला से परिपूर्ण रहा। यह डांस की विभिन्न पाश्चात्य विधाओं को सिखाने में सक्षम है। इसकी प्रोग्रामिंग उसी हिसाब से की गई। बस एप पर सेलेक्ट करना होगा कि कौन सा डांस सीखना है। यह रोबोट उसी विधा का नृत्य करना शुरू कर देगा। इसके स्टेप फॉलो करते हुए सामने वाला व्यक्ति डांस सीखा लेगा। मानव व्यवहार से जुड़ी कई आदतों को भी यह सिखाने में सक्षम है। जैसे ब्रश कैसे करना है। खांसना कैसे है। टेबल मैनर क्या हैं आदि आप रोबोट से सीख सकते हैं।

नैनो ड्रोन हथेली पर उतरेगा
टेकफेस्ट में नैनो ड्रोन भी मुख्य आकर्षण रहा। अगर ड्रोन उड़ाना सीखना है तो बच्चों के लिए इससे बेहतर कोई चीज नहीं। इसे भी एक निजी कंपनी की ओर से तैयार किया गया है। डीएवी नेरचौक और पंडोह जवाहर नवोदय के विद्यार्थियों ने ड्रोन इस दौरान को उड़ाना सीखा। कुछ विद्यार्थियों ने इस ड्रोन को अपनी हथेली पर भी लैंड करवाया। बताया कि 11 हजार का ड्रोन छह मिनट तक उड़ान भरने में सक्षम है। यह तस्वीरें खींचने के अलावा चालिस मीटर की दूरी कवर करने में सक्षम है।

वायर एंड वंडर्स और पिच टैरा इवेंट भी रहे अहम
इंटरनेट आफ थिंग्स से जुड़ा कार्यक्रम वायरस एंड वंडर्स भी अहम रहा। कृषि, कला, अंतरिक्ष विज्ञान, सेफ्टी एंड सिक्योरिटी, ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण इसका थीम रहे। इसमें दस टीमें शार्ट लिस्ट हुई हैं। पिच टैरा टैकफेस्ट भी अहम इवेंट रहा। इसका मकसद बायो टेक्नोलॉजी से जुड़े नए आइडिया को जमीनी हकीकत में उतारना रहा। इसके बाद भावी इंजीनियर और वैज्ञानिक अपने तकनीकी विचारों को पर्यावरण को बचाने के लिए सर्विस और प्रोडक्ट बनाएंगे।

जेएनवी के विद्यार्थी छाए
टेकफेस्ट के तीसरे दिन विद्यार्थियों के लिए क्विज प्रतियोगिता भी हुई। इस दौरान स्कूलों के विद्यार्थियों की तकनीकी सोच और बौद्धिक क्षमता का आकलन किया गया। इसमें पंडोह जेएनवी के विद्यार्थी अव्वल रहे। इसी स्कूल के ईशान ने पहला, अभय ने दूसरा और शुभम ने तीसरा स्थान पाया। प्रतियोगिता में डीएवी संस्थान के विद्यार्थियों ने भी शिरकत की।

रोमांचित दिखे विद्यार्थी
आईआईटी में आने का पहली बार मौका मिला है। यह टेकफेस्ट कभी न भूलने वाला अनुभव रहेगा। ड्रोन व रोबोटिक्स के बारे में जाना। इससे बहुत अधिक प्रभावित हूं। भविष्य में मौका मिला तो रोबाटिक्स फील्ड ही अपनाऊंगा। हिमाचल के लिए एक शानदार और मजबूत ड्रोन बनाऊंगा। – कृष शर्मा, जवाहर नवोदय स्कूल पंडोह

टेकफेस्ट कार्यक्रम में आकर अच्छा लग रहा है। ड्रोन और रोबोटिक तकनीक को जानने का पहली बार मौका मिला है। तकनीक और उनके पुर्जों, मोटर को देख कर प्रभावित हुआ हूं। इसे बिना छुए एक जगह से दूसरी जगह तक आसानी से ले जाया जा सकता है। भविष्य में भी इस तरक के फेस्ट का आयोजन होना चाहिए। – श्रेष्ठ आहलुवालिया, डीएवी पब्लिक स्कूल नेरचौक

किताबी ज्ञान के साथ प्रैक्टिकल होना भी जरूरी
टेकफेस्ट के कनवीनर आईआईटी के विद्यार्थी ललित कुमार ने कहा कि आईआईटी मंडी हिमाचल का सबसे बड़ा तकनीकी संस्थान है। हमारी जिम्मेवारी बनती है कि सामाजिक और आर्थिक विकास के जो आइडिया हैं, उसे आम जनता के लिए लाभप्रद बनाने के लिए प्रयास करें। एक्सपेक्टो टेकफेस्ट का मकसद भी यही है। यह तकनीकी उत्सव विद्यार्थी ही आयोजित कर रहे हैं। इसी टीम के हर्षित ने कहा कि हम चाहते थे कि विश्व की बेहतरीन तकनीक लोगों तक ले जाए, ताकि वह अपने आइडिया को और इनोवेशन का जनहित के लिए प्रयोग कर सकें। निवेदिता ने कहा कि किताबी ज्ञान ही कुछ नहीं है। इसके लिए प्रैक्टिकल होना भी जरूरी है। हम चाहते थे कि टेकफेस्ट के जरिये लोगों को प्रैक्टिकल ज्ञान के बारे में जानकारी दे सकें।

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