हिमाचल में टावर लगाने वाली कंपनिया लगा रही थी चूना अब शिकायत के माध्यम से उठा मामला

हिमाचल में टावर लगाने वाली कंपनिया लगा रही थी चूना अब शिकायत के माध्यम से उठा मामला

शिमला
आईटी एक्ट में प्रावधान है कि कंपनियों को पंचायतों से ली एनओसी का हर साल नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। इसके साथ ही कंपनी को पहली बार एनओसी लेने पर दस हजार की राशि प्रति टावर देनी होती है।

हिमाचल की पंचायतों को मोबाइल कंपनियां चूना लगा रही हैं। ये कंपनियां पहली बार पंचायतों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेकर मोबाइल टावर स्थापित कर रही हैं। इसके एवज में कंपनियां संबंधित पंचायत को दस हजार प्रति टावर धनराशि एक बार ही देती हैं। इसके बाद ये कंपनियां न तो एनओसी का नवीनीकरण कराती हैं और न ही नवीनीकरण राशि दे रही हैं। यह मामला प्रदेश सरकार से उठाया गया है। मोबाइल कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए आईटी निदेशक को पत्र भेजा गया है।

राज्य के किन्नौर सहित अन्य जिलों की पंचायतों ने ग्रामीण विकास विभाग से यह मामला उठाया गया है। प्रदेश भर में कुल 3615 पंचायतें हैं और इनमें से अधिकांश पंचायतों के क्षेत्र में मोबाइल कंपनियों ने टावर लगा रखे हैं। इन पंचायतों में कंपनियां एक बार एनओसी लेकर दोबारा इन का नवीनीकरण नहीं करा रही हैं। इससे पंचायतों को पिछले कई साल से आर्थिक नुकसान हो रहा है और कंपनियों की मनमानी चली हुई है।

आईटी एक्ट में यह है प्रावधान
आईटी एक्ट में प्रावधान है कि कंपनियों को पंचायतों से ली एनओसी का हर साल नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। इसके साथ ही कंपनी को पहली बार एनओसी लेने पर दस हजार की राशि प्रति टावर देनी होती है। इसके अलावा उसी टावर का प्रयोग दूसरी कंपनी भी करती है तो उसे साठ फीसदी राशि पंचायत को देनी होती है। इसके बाद एनओसी के नवीनीकरण में दोनों कंपनियों हर साल पंचायत को राशि देने का प्रावधान है।

पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त निदेशक केवल शर्मा ने बताया कि किन्नौर जिले के क्षेत्र का दौरा करने के बाद यह मामला सामने आया है। पंचायतों के प्रतिनिधियों ने कहा कि आईटी एक्ट का मोबाइल कंपनियां खुला उल्लंघन कर रही हैं। विभाग की ओर से आईटी विभाग को कार्रवाई करने को पत्र भेजा गया है।

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