हादसे को न्योता दे रहे गिरते पत्थर

रामपुर बुशहर। कन्या स्कूल के ऊपर और बीएसएनएल कार्यालय के पास पहाड़ी से लगातार गिर रहे पत्थर हादसे को न्योता दे रहे हैं। मौसम साफ हो या फिर खराब, इन पहाड़ियों से छोटे-छोटे पत्थर गिरना आम हैं। इससे खासकर एनएच पर पैदल चलने वाले लोगों को खतरा बना रहता है। अगर समय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो पत्थरों से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
रामपुर के खोपड़ी स्थित माता के मंदिर की ओर सुबह और शाम लोगों का आना-जाना लगा रहता है। वहीं, स्कूल और कालेज के विद्यार्थी समेत नौकरीपेशा लोग भी एनएच पर पैदल सफर करते हैं। ऐसे में पहाड़ी से गिरते पत्थर किसी की भी जान पर भारी पड़ सकते हैं। विगत दिनों कन्या स्कूल के ऊपर पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से धमेंद्र नेगी और कुछ अन्य लोग बाल-बाल बचे। वे खोपड़ी से पैदल रामपुर बाजार आ रहे थे। इसी तरह सड़क किनारे खड़ी होने वाली गाड़ियों को भी पत्थरों से नुकसान होता है। पहाड़ी से गिरते पत्थरों से कई लोगों को चोटें आ चुकी हैं। कुछ वर्ष पहले कन्या स्कूल की एक छात्रा पत्थर से बुरी तरह से जख्मी हुई थी। इसके बाद एनएच पर पत्थरों को रोकने के लिए चादर तो लगा दी गई, लेकिन पहाड़ी से गिरते पत्थरों को रोकने के कोई इंतजाम नहीं हो पाए हैं, जिससे खतरा बरकरार है।
बुशहर यंग्ज के प्रधान विक्रांत बिष्ट, अरुण मेहता, कार्तिक शुक्ला, सोनू भलूनी, देवेंद्र नत्थू, दिनेश चौहान, बलजिंद्र ठाकुर, अर्पण शर्मा, आशीष कुमार और रोहित घागटा ने रेतीली पहाड़ी से गिरते पत्थरों को रोकने के लिए ठोस इंतजाम करने की मांग की है। बुशहर यंग्ज के प्रधान ने बताया कि इस समस्या को लेकर कुछ दिनों पहले प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। इसमें भूगर्भ वैज्ञानिकों को बुलाकर ठोस उपाय करने की मांग की गई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस दिशा में ठोस पहल की जाए।

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