हाईकोर्ट ने सरकारी बंगले-आवास खाली कराने पर छह सप्ताह में मांगी अंतिम रिपोर्ट

हाईकोर्ट ने सरकारी बंगले-आवास खाली कराने पर छह सप्ताह में मांगी अंतिम रिपोर्ट

जम्मू
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने बुधवार को सरकारी बंगलों से अवैध कब्जा हटाने के मामले में प्रदेश सरकार को अंतिम मौका देते हुए छह सप्ताह के भीतर आदेश की अनुपालना रिपोर्ट पेश

करने को कहा है। इन सरकारी बंगलों में कई पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों, सेवानिवृत्त आईएएस अफसरों अवैध रूप से रह रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस्टेट विभाग में ए, बी और सी
टाइप का आवास भी इन लोगों के कब्जे में हैं। जम्मू और श्रीनगर दोनों में ही ऐसा है।
जस्टिस अली मोहम्मद मागरे के समक्ष याचिका दायर होने के वक्त सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल बीए डार ने रिपोर्ट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। डार से अदालत ने पूछा कि बार-बार निर्देश मिलने के बावजूद उत्तरदाता अनुपालना रिपोर्ट अपडेट करने के लिए अतिरिक्त समय क्यों मांग रहे हैं। जस्टिस मागरे ने कहा कि उत्तरदाताओं द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण के मद्देनजर, इस मुद्दे पर महाधिवक्ता को शामिल करने की आवश्यकता महसूस की गई।

उनसे अनुरोध किया कि वे मामले में अपनी बहुमूल्य सहायता प्रदान करें ताकि सुविधा हो सके। लिहाजा छह सप्ताह का वक्त दिया जा रहा है, वह अपनी रिपोर्ट पेश कर दें। वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े महाधिवक्ता ने कहा कि वह सुनिश्चित करते हैं कि अदालत द्वारा समय-समय पर पारित निर्देशों को अनुरूप रिपोर्ट अगली सुनवाई पर दाखिल कर दी जाएगी।

अब तक 56 लोगों को नोटिस
जम्मू और श्रीनगर में सरकारी बंगलों पर काबिज पूर्व मंत्रियों, पूर्व नौकरशाहों  समेत 56 लोगों को इन बंगलों को खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सरकारी आवास खाली कर चुके हैं जबकि एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नोटिस मिलने के बावजूद अभी तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है। कश्मीर में  31 सरकारी आवासों में पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों का कब्जा है।

 

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