नई दिल्ली
Delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से सिविल सेवा परीक्षा में दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए रिक्त पदों की सही संख्या बताने को कहा है। जस्टिस एस मुरलीधर और तलवंत सिंह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को 1996 के बाद से विकलांग व्यक्तियों, खासतौर पर दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए रिक्तियों के बारे में विवरण देने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर को होगी।
कोर्ट ने 11 सितंबर को अपने निर्देश में पाया कि रिक्तियों को लेकर दो चार्ट थे। पहला सूचना के अधिकार के माध्यम से याचिकाकर्ताओं के वकील रजनीश कुमार झा ने पेश किया था, जबकि दूसरा कार्मिक व प्रशिक्षण (डीओपीटी) विभाग द्वारा जारी किया गया था।
पीठ ने रजनीश को बताने को कहा कि उनके अनुसार कितनी रिक्तियां है, जो विकलांग व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं। रजनीश ने कहा कि 1996 से बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं, जिन्हें योग्य उम्मीदवारों द्वारा भरा जाना आवश्यक है। हालांकि केंद्र सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए रिक्तियों की अलग सूची दायर की। इसमें दावा किया गया है कि नियुक्तियां तदनुसार की गई हैं।