हां! हमारे सामने ही कुचली गई चित्रा

शिमला। चित्रा मर्डर मिस्ट्री से परदा उठने लगा है। आरोपियों ने कबूला है कि चित्रा ने उनके सामने ही दम तोड़ा है। पुलिस से कहा है कि उस रात बल्देहां के समीप संधोड़ा में चित्रा गाड़ी की चपेट में आ गई। वह बच्चा छीनने की कोशिश कर रही थी। वह कार पर चढ़ गई और अचानक टायरों के नीचे आ गई। उस वक्त चार लोग कार के भीतर और दो कार के बाहर सड़क किनारे खड़े थे। घटना से डर गए थे। टैक्सी में डेढ़ माह की नवजात और कपड़े लेकर ग्राम पंचायत नीन के ननोहग गांव में चित्रा की मां को देकर लौट आए।
सोमवार को पुलिस सभी आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर भी गई। उस रात और क्या हुआ इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हालांकि आरोपी इस बात पर अड़े हैं कि उन्होंने कत्ल नहीं किया है। यह हादसा है। इसलिए अभी तक कत्ल की वजह साफ नहीं हो पाई है।
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गाड़ी की फोरेंसिक जांच
घटना में इस्तेमाल कार की फोरेंसिक जांच की जा रही है। टैक्सी नंबर की कार को लुधियाना से बरामद किया है। कार के सभी टायर घिसे हैं। पुलिस को अंदेशा है कि वारदात के बाद टायरों को सबूत मिटाने के ध्येय से बदल दिया गया है। चित्रा के शरीर पर चार टायरों के निशान पाए गए हैं।
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अभी भी उठ रहे हैं कई सवाल
जब चित्रा खड़ी कार पर चढ़ गई तो छह लोग उसे काबू क्यों नहीं कर पाए?
वारदात के बाद पुलिस को सूचित क्यों नहीं किया गया?
ट्रक चालक ने चित्रा को मदद के लिए पुकारते देखा, उस समय टैक्सी मौके पर थी। अगर आरोपियों की मंशा चित्रा को मारने की नहीं थी, तो पुलिस के पहुंचने से आधा घंटे पहले उस पर गाड़ी क्यों चढ़ा दी गई?

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