हल नहीं हुई पानी की समस्या

सोलन। शहर में पेयजल संकट की समस्या हल नहीं हो पा रही है। शहर के बाशिंदों को आज भी तीन दिन बाद सप्लाई मिल रही है। अब मनमाने पेयजल वितरण को लेकर व्यापार मंडल ने नगर परिषद के खिलाफ मोरचा खोल दिया है। व्यापारियों ने वितरण की कमान आईपीएच विभाग को देने की पुरजोर वकालत की है।
व्यापारियों का तर्क है कि आईपीएच जहां कम दाम में पेयजल उपलब्ध करवा रहा है वहीं नगर परिषद दाम अधिक लगाने के बावजूद भी पानी नियमित रूप से नहीं दे पा रहा है। व्यापार मंडल ने इसकी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को करते हुए पेयजल व्यवस्था सुचारु करने की मांग की है।
व्यापार मंडल के प्रधान कुशल जेठी और महासचिव सतीश बंसल ने बताया कि शहर में पेयजल किल्लत और आईपीएच विभाग आमने-सामने आ गए हैं। दोनों की लड़ाई का खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। नगर परिषद व आईपीएच विभाग एक दूसरे को इसके जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। व्यापार मंडल ने नगर परिषद पर आरोप लगाया है कि वह पेयजल सप्लाई करने में पूरी तरह से विफल रहा है। सर्दियों के मौसम में भी तीन और चार दिनों में पानी मिल रहा है।
व्यापार मंडल के अनुसार नगर परिषद के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। अगर आईपीएच विभाग पेयजल वितरण का कार्य करेगा तो लोगों को सस्ता व नियमित रूप से पानी मिलेगा। आईपीएच कुछ क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति 7.80 रुपये प्रति हजार लीटर की दर से उपभोक्ताओं को सप्लाई कर रहा है, जबकि नगर परिषद 10 रुपये प्रति हजार लीटर की दर से उपभोक्ताओं को दे रहा है। ऐसे में यदि पेयजल आपूर्ति आईपीएच विभाग को दे दी जाए तो नप के अंतर्गत आने वाले उपभोक्ताओं में बिलों का बोझ कम पडे़गा। इसके अतिरिक्त पेयजल वितरण व्यवस्था में भी सुधार आएगा।
वहीं इस बारे में नगर परिषद के ईओ पुरुषोत्तम चौधरी का कहना है कि यह सरकार का निर्णय है, इसके बारे में वह कुछ नहीं कर सकते। वहीं आईपीएच विभाग के अधिशाषी अभियंता जेएस चौहान ने भी कहा कि सरकार के रूल के अनुसार ही कार्य किया जाएगा। यदि आईपीएच को यह आदेश मिलते हैं तो वह पानी की सप्लाई का जिम्मा उठा सकता है।

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